शिमला, सुरेंद्र राणा: हिमाचल प्रदेश सरकार ने भवन व प्लॉट मालिकों को बड़ी राहत दी है। अब वे भवनों की एटिक को रिहायश के लिए इस्तेमाल कर सकेंगे। इसको लेकर नगर एवं ग्राम योजना विभाग ने वर्ग मीटर के हिसाब से फीस तय की है। यह फीस 50,000 रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक होगी। बड़ी बात यह है कि एटिक के किनारे को जीरो करना होता था, अब उसे बढ़ाकर 0.75 मीटर करने की अनुमति है
सरकार की ओर से भवन मालिकों को 0.75 मीटर तक निशुल्क सुविधा रहेगी, लेकिन जहां से एटिक की ऊंचाई सात फीट (2.1 मीटर) व इससे ऊपर बढ़नी शुरू होगी, उसी हिसाब से लोगों को राशि का भुगतान करना होगा। नगर एवं ग्राम योजना विभाग के प्रधान सचिव देवेश कुमार ने इसकी अधिसूचना जारी की है।
इस फैसले से जहां लोगों को राहत मिलेगी, वहीं सरकार को भी राजस्व प्राप्त होगा। प्रदेश सरकार पहली बार एटिक को रिहायशी बनाने जा रही है। अब लोग एटिक को बेचना चाहें तो उसकी भी अनुमति दी जाएगी। पहले एटिक को नहीं बेचा जा सकता था।
भवन मालिकों को एटिक में बिजली और पानी के कनेक्शन भी दिए जा सकेंगे। सरकार का मानना है कि विकास योजना के हिसाब से क्षेत्रों में भवनों की ऊंचाई को भी ध्यान में रखा जाएगा। एटिक का साइज उसी हिसाब से बढ़ाया जा सकेगा। एटिक जितना एरिया रिहायशी होगा, उसी हिसाब से उसकी फीस वसूली जाएगी।
इन लोगों को होगा फायदा
हिमाचल में जिन प्लॉट व भवन मालिकों के नक्शे पास हैं, उन्हें इसका फायदा होगा। नगर नियोजन विभाग का मानना है कि इससे 20,000 के करीब प्लॉट व भवन मालिकों को राहत मिलेगी।
हिमाचल में जिन प्लॉट व भवन मालिकों के नक्शे पास हैं, उन्हें इसका फायदा होगा। नगर नियोजन विभाग का मानना है कि इससे 20,000 के करीब प्लॉट व भवन मालिकों को राहत मिलेगी।
2.1 मीटर से ऊपर की यह रहेगी फीस (रुपये में)
40 वर्ग मीटर 50,000
40 से 60 मीटर 75,000
60 से 100 मीटर 1,00,000
40 वर्ग मीटर 50,000
40 से 60 मीटर 75,000
60 से 100 मीटर 1,00,000
अटल टनल के आसपास का क्षेत्र प्लानिंग एरिया में शामिल
वहीं, प्रदेश सरकार ने अटल टनल के उत्तर, पूर्व, दक्षिण और पश्चिम दिशा की ओर कुछ भाग को योजना क्षेत्र में शामिल किया है। कैबिनेट से मंजूरी के बाद बुधवार को नगर एवं ग्राम योजना विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी की है। अधिसूचना के मुताबिक टनल के उत्तरी दिशा के तांदी पुल से 200 मीटर से भागा नदी के बाएं किनारे से आरंंभ होकर राष्ट्रीय राजमार्ग 03 के साथ 200 मीटर तक उत्तरी दिशा की ओर बढ़ते हुए, तांदी से 200 मीटर की दूरी पर भागा नदी के दाहिने किनारे को पार करते हुए, भू व्यवस्था खिनंग, शुगु और सिस्सु के अधीन क्षेत्र में शामिल 500 मीटर का क्षेत्र व बिहाल से पूर्व नाला तक का एरिया शामिल किया गया है।
वहीं, प्रदेश सरकार ने अटल टनल के उत्तर, पूर्व, दक्षिण और पश्चिम दिशा की ओर कुछ भाग को योजना क्षेत्र में शामिल किया है। कैबिनेट से मंजूरी के बाद बुधवार को नगर एवं ग्राम योजना विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी की है। अधिसूचना के मुताबिक टनल के उत्तरी दिशा के तांदी पुल से 200 मीटर से भागा नदी के बाएं किनारे से आरंंभ होकर राष्ट्रीय राजमार्ग 03 के साथ 200 मीटर तक उत्तरी दिशा की ओर बढ़ते हुए, तांदी से 200 मीटर की दूरी पर भागा नदी के दाहिने किनारे को पार करते हुए, भू व्यवस्था खिनंग, शुगु और सिस्सु के अधीन क्षेत्र में शामिल 500 मीटर का क्षेत्र व बिहाल से पूर्व नाला तक का एरिया शामिल किया गया है।
वहीं पूर्व दिशा की ओर राष्ट्रीय राजमार्ग तीन से उत्तर दिशा के ओर 500 मीटर गांव बिहाल से पूर्व नाला तक, दक्षिण दिशा के गांव कुठ बिहाल से पूर्व नाला से चंद्रा नदी के साथ दाईं ओर 500 मीटर की दूरी से आरंभ होकर चंद्र नदी के बाएं किनारे के साथ चंद्रा नदी से 500 मीटर होते हुए अटल टनल की उत्तरी दिशा के पश्चात 250 मीटर नाला तक का एरिया और पश्चिम दिशा के गांव गुशाल पर चंद्रा नदी के बाएं किनारे से आरंभ होकर चंद्र नदी के साथ साथ भागा नदी के साथ संगम 200 मीटर की दूरी तक का एरिया शामिल किया है।
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