पंजाब दस्तक: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने मृतक कर्मी की विधवा को वित्तीय लाभ जारी करने में हुई देरी पर संज्ञान लेते हुए तीन सप्ताह के भीतर सभी लाभ जारी करने का आदेश दिया है। साथ ही यह स्पष्ट किया है कि अगर इस अवधि के भीतर लाभ जारी नहीं किए गए तो सिंचाई विभाग में कार्यरत सभी संबंधित आईएएस अधिकारियों का वेतन रोक दिया जाए।
याचिका दाखिल करते हुए पठानकोट निवासी रानी देवी ने हाईकोर्ट को बताया कि उसका पति तीन दशक पहले लापता हो गया था। उसकी नियुक्ति सिंचाई विभाग में थी। बाद में उसे मृत घोषित कर दिया गया था। याची ने पीएफ व अन्य लाभ जारी करने के लिए गुहार लगाई लेकिन अभी तक यह लाभ जारी नहीं किए गए। ऐसे में याची को हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ी।
याचिका पर पंजाब सरकार ने कहा कि विभाग ने याची को कार्यालय में बुलाया है और जल्द ही उनकी मांग पर निर्णय ले लिया जाएगा। कोर्ट ने कहा कि हमें उम्मीद है कि पीड़ित विधवा को किसी भी प्रकार के उत्पीड़न से बचाने के लिए एग्जीक्यूटिव इंजीनियर खुद कार्यालय में मौजूद रहेंगे। सभी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद याचिकाकर्ता को तीन सप्ताह में सभी वित्तीय लाभ जारी कर दिए जाएंगे। अगर ऐसा करने में विभाग नाकाम रहता है तो सिंचाई विभाग के सभी संबंधित आईएएस का वेतन जारी करने पर हाईकोर्ट रोक लगा देगा।
अनुकंपा नौकरी की मांग निराधार
पीड़ित परिवार की ओर से वित्तीय लाभ के साथ ही अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने की मांग की गई थी। हाईकोर्ट ने कहा कि अनुकंपा आधार पर नौकरी कर्मचारी की मौत की स्थिति में पीड़ित परिवार को तत्काल सहायता के लिए दी जाती है। कर्मचारी तीन दशक से गायब है और उसे कानूनी प्रक्रिया के तहत मृत घोषित किया गया है। ऐसे में अब इतनी लंबी अवधि के बाद उसकी मृत्यु को आधार बनाते हुए अनुकंपा आधार पर नौकरी की मांग निराधार हो जाती है।
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