पंजाब: वारिस पंजाब दे’ के मुखी अमृतपाल सिंह को पंजाब में मोगा के गांव रोडे से रविवार सुबह गिरफ्तार कर लिया गया। NSA लगे होने के कारण उसे रविवार दोपहर ही असम की डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया गया। 18 मार्च से फरार अमृतपाल को बठिंडा एयरपोर्ट से इंडियन एयरफोर्स के स्पेशल विमान में असम पहुंचाया गया, जहां से उसे डिब्रूगढ़ जेल बंद किया गया।
डिब्रूगढ़ जेल में अमृतपाल सिंह के पहुंचने से पहले 15 नए कैमरे लगाए गए, ताकि उस पर हर समय नजर रखी जा सके। इसी जेल में अमृतपाल सिंह के नो साथी पपलप्रीत सिंह, दलजीत सिंह कलसी, प्रधानमंत्री बाजेके, हरजीत सिंह, वरिंदर जोहल, बसंत सिंह, गुरमीत सिंह, कुलवंत धालीवाल, गुरिंदर पाल पहले से ही बंद है।
अमृतपाल सिंह के भी डिब्रूगढ़ पहुंच जाने के बाद सभी के जहन में एक ही सवाल है- क्या है इस जेल में, जो अमृतपाल सिंह सहित 10 साथियों पर NSA लगा यहां भेजा गया है।
जानें क्या खास है इस जेल में-
डिब्रूगढ़ शहर के बीचों बीच असम ट्रंक रोड के पास फूल बागान इलाके में यह जेल स्थापित है। सेंट्रल जेल लगभग 76,203.19 वर्ग मीटर में फैली हुई है। साल 1859-60 से शुरू की गई इस जेल के मुख्य परिसर के चारों ओर करीब 30 फीट से ऊंची दीवारें बनी हुई हैं। यह दीवारें पहले इतनी ऊंची नहीं थी।
दरअसल, जून 1991 में डिब्रूगढ़ जेल में बंद प्रतिबंधित संगठन ULFA यानी यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम के पांच चरमपंथी फरार हो गए थे। जिसके बाद इन दीवारों की ऊंचाई 30 फीट तक बढ़ाई गई।
बीते फरवरी महीने से डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में कुल 445 कैदी बंद हैं, इनमें 430 पुरुष कैदी हैं और 15 महिला कैदी हैं। जेल में कैदियों को रखने की कैपेसिटी 680 की है, लेकिन इसके बावजूद यहां 500 से अधिक कैदी नहीं हुए हैं। इस जेल में कुख्यात अपराधी, डकैत, अंडर ट्रायल कैदियों समेत उम्र कैद की सजा काट रहे कई बड़े अपराधी भी हैं। इसके अलावा यहां चार वार्डों में सिर्फ महिला कैदी व हवालाती हैं।
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