पंजाब दस्तक डेस्क; रूस, यूक्रेन समेत पूर्व सोवियत संघ के देशों में मेडिकल शिक्षा के लिए हर साल बीस हजार से भी अधिक छात्र भारत से जाते हैं। इन देशों में मेडिकल में आसानी से प्रवेश मिलना और भारत की तुलना में कुल कोर्स की लागत आधी होने की वजह से भारतीय छात्रों का इन देशों की तरफ रुझान लगातार बढ़ा है।

इन्हीं कारणों से हाल के वर्षों भारतीय छात्र चीन भी जाने लगे हैं। भारत में निजी कॉलेजों में मेडिकल कोर्स की कुल लागत 70 लाख से एक करोड़ के बीच आने का अनुमान है। यदि मैनेजमेंट कोटे में एडमिशन लिया जाता है तो फिर यह लागत 30-40 लाख तक और बढ़ जाती है। जबकि रूस, यूक्रेन समेत अन्य पूर्व सोवियत संघ देशों में 30-50 लाख में पूरा कोर्स हो जाता है, जिसमें रहने और आने-जाने की कीमत भी शामिल है। इन देशों में एडमिशन दिलाने वाली एजेंसिया देश में व्यापक पैमाने पर सक्रिय हैं। जो एडमिशन लेटर से वीजा तक लगाकर देती हैं।

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