शिमला सुरेंद्र राणा,सरसों तेल के टेंडर में दो और रिफाइंड तेल में मात्र एक ही कंपनी की औपचारिकताएं ठीक पाई गई हैं। बताया जा रहा है कि टेंडर में तीन कंपनियां होनी चाहिए। लिहाजा, खाद्य आपूर्ति निगम ने फैसला प्रदेश सरकार पर छोड़ा है। सरकार अगर दोबारा से टेंडर की प्रक्रिया शुरू करती है तो इसमें समय लगेगा। जिससे डिपुओं में सरसों तेल और रिफाइंड देरी से पहुंचेगा।
खाद्य आपूर्ति निगम ने दो सप्ताह पहले सरसों तेल और रिफाइंड के लिए कंपनियों से निविदाएं आमंत्रित की थीं। सरसों तेल में पांच कंपनियों ने भाग लिया, जबकि रिफाइंड में तीन कंपनियां थीं। कंपनियों को टेक्निकल बीड खोली गई। इसमें खाद्य आपूर्ति निगम के नियमों के मुताबिक सरसों तेल में दो और रिफाइंड में एक ही कंपनी की औपचारिकताएं ठीक पाई गई हैं। प्रदेश में 19 लाख राशनकार्ड परिवार हैं। इन्हें सरकार की ओर से सब्सिडी पर सरसों तेल और रिफाइंड उपलब्ध करवाया जाता है। उधर, खाद्य नागरिक एवं उपभोक्ता मामले मंत्री राजेंद्र गर्ग ने बताया कि मामला ध्यान में है। इस पर विचार किया जा रहा है।