पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा में नहीं बैठ पाएंगे पेपर लीक के 104 आरोपित

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शिमला, सुरेंद्र राणा, हिमाचल प्रदेश में 1134 पदों के लिए तीन जुलाई को दोबारा हो रही पुलिस कांस्टेबल की लिखित परीक्षा में अब पेपर लीक मामले के आरोपित नहीं बैठ पाएंगे।

उन्हें इस परीक्षा से बाहर का रास्ता दिखाया गया है। इस संबंध में राज्य पुलिस मुख्यालय ने बड़ा फैसला लिया है। डीजीपी संजय कुंडू ने इसकी पुष्टि की है। पेपर लीक मामले में 104 अभ्यर्थी आरोपित हैं, जो लिखित परीक्षा नहीं दे पाएंगे। इसके माध्यम से पुलिस ने कड़ा संदेश देने की कोशिश की है। पहले कहा जा रहा था कि आरोपितों को भी मौका मिलेगा। कानूनी विशेषज्ञों की राय में आरोपित परीक्षा देने के लिए पात्र हैं।

दोबारा परीक्षा में आरोपितों के बैठने या न बैठने के संबंध में कई तरह की राय आ रही थी। कुछ कह रहे थे कि जब तक आरोप तय नहीं हो जाते, तब तक परीक्षा देने से नहीं रोक पाएंगे। दूसरा पक्ष कह रहा था कि आरोपितों ने धोखाधड़ी की है। इस कारण उन्हें परीक्षा देने से रोकना ही होगा।

अभ्यर्थियों पर गंभीर आरोप हैं कि उन्होंने पेपर को लाखों रुपये में खरीदा था। कई अभ्यर्थियों ने एजेंट को पैसे दिए। किसी ने प्रदेश में तो किसी ने हिमाचल से बाहर लिखित परीक्षा के लीक पेपर को पढ़ा अथवा उन्हें पढ़ाया गया। मंडी जिले में 23 अभ्यर्थी आरोपित हैं। इस मामले में कई राज्यों की कई गैंग के सरगना व सदस्य शामिल हैं।

तीन जुलाई को होगी लिखित परीक्षा

कांस्टेबल (पुरुष व महिला) और ड्राइवरों के पदों के लिए प्रदेश में तीन जुलाई को दोपहर 12 से एक बजे तक लिखित परीक्षा होगी। इससे पहले यह परीक्षा 27 मार्च को हुई थी। पेपर लीक होने के कारण प्रदेश सरकार ने इसे रद कर दिया था। पेपर लीक मामले की पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआइटी) जांच कर रही है। भर्ती के लिए शारीरिक दक्षता परीक्षा (पीईटी) और शारीरिक मानक परीक्षा (पीएसटी) तीन मार्च को हुई थी।

राज्य सरकार ने इस मामले में 17 मई को सीबीआइ जांच की सिफारिश की थी। अभी तक जांच एजेंसी ने मामला अपने अधीन नहीं लिया है।

डीजीपी ने दिए आदेश

हिमाचल प्रदेश के डीजीपी संजय कुंडू का कहना है पेपर लीक मामले में एसआइटी गहनता से सभी पहलुओं की जांच कर रही है। पुलिस कांंस्टेबल की दोबारा होने वाली लिखित परीक्षा में आरोपित अभ्यर्थियों को बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

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