शिमला, सुरेन्द्र राणा: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला में बादल फटने से हुई भयंकर तबाही के बीच आपदा राहत का काम लगातार जारी है, लेकिन आपदा के तीन दिन बाद भी कुछ लापता लोगों का कोई सुराग नहीं मिल पाया है। गुरुवार को थुनाग के रोड पर एक शव मिलने के साथ ही मंडी में आपदा में मरने वालों की संख्या 16 तक पहुंच गई है। हालांकि सरकारी आंकड़ों में अभी तक 14 लोगों की मौत की ही पुष्टि हुई है। वहीं मानसून सीजन में यानी 20 जून से गुरुवार तक प्रदेश में कुल 69 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि 110 लोग घायल हैं।
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार मंडी जिला में अब तक 370 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। मंडी जिला में 154 घर ढह गए हैं। 31 वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं और 14 पुल भी बह गए हैं।मंडी में प्राकृतिक आपदा में लापता चल रहे लोगों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया गया है। करसोग, गोहर, थुनाग और जंजैहली में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवानों द्वारा लापता लोगों की तलाश की जा रही है। गुरुवार को कई लोगों को रेस्क्यू किया गया है, जिसमें चंबा में तीन, हमीरपुर में 51, मंडी में 198 और पंडोह मार्किट से 150 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। 164 मवेशी बादल फटने की घटनाओं में मारे गए हैं, जबकि एक बिजली परियोजनाओं को नुकसान पहुंचा है, वहीं 106 गौशालाएं भी बाढ़ की भेंट चढ़ गई हैं। 31 व्हीकल अलग-अलग स्थानों पर डैमेज हुए हैं वहीं 14 पुल भी बह गए हैं। प्रदेश में भारी बारिश होने से लोक निर्माण विभाग, जलशक्ति विभाग और बागवानी को खासा नुकसान पहुंचा है। आगामी दिनों के दौरान भी प्रदेश में भारी बारिश होने का अलर्ट जारी किया गया है। ऐसे में प्रदेश की जनता को आगामी दिनों के दौरान भी बारिश के चलते परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
हिमाचल में 246 सडक़ें, 404 ट्रांसफार्मर 784 पेयजल योजनाएं पूरी तरह बंद।
हिमाचल की आम जनता की परेशानियां खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। जिन स्थानों पर बादल फटने की बड़ी घटनाएं हुई हैं, वहां अब तक कनेक्टिविटी बहाल नहीं हो पाई है। सरकार से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार गुरुवार को प्रदेश भर की 246 सडक़ें, 404 बिजली ट्रांसफार्मर और 784 पेयजल योजनाएं बाधित हैं। चंबा जिला में दो सडक़ें बंद पड़ी हैं, वहीं कांगड़ा जिला में 12 सडक़ें बंद हैं। कुल्लू में 36, मंडी जिला में सबसे अधिक 145, शिमला जिला में 22, सिरमौर जिला में 25, सोलन जिला में एक और ऊना जिला में तीन सडक़ें पूरी तरह से आवाजाही के लिए बंद हैं। इसी तरह चंबा में 30 बिजली टं्रासफार्मर, हमीरपुर में एक, कुल्लू में 15, कांगड़ा में तीन तथा मंडी जिला में 353 ट्रांसफार्मर बंद पड़े हुए हैं। मंडी जिला में सबसे अधिक सडक़ें बंद हैं तो वहीं सबसे अधिक बिजली ट्रांसफार्मर भी यहीं बंद पड़े हैं। शिमला जिला में भी एक ट्रांसफार्मर के बंद होने की सूचना है। पेयजल योजनाओं की बात करें, तो चंबा में चार, हमीरपुर जिला में 104, कुल्लू जिला में 49 तथा मंडी में सबसे अधिक 605 पेयजल योजनाएं बंद पड़ी हुई हैं। शिमला जिला में एक पेयजल योजना बंद है, वहीं सिरमौर जिला में भी 21 पेयजल योजनाएं बंद हैं, जिसकी वजह से लोगों को पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है।
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