शिमला, सुरेन्द्र राणा: नशे के खिलाफ अभियान को केवल बातों में ही नहीं बल्कि धरातल पर अपनाने की आवश्यकता है। जिसके लिए हिमाचल सरकार इसे अब पाठ्यक्रम में शामिल करने जा रही है ताकि बच्चे को स्कूल में भी नशे के दुष्प्रभावों को जानकारी मिल सके और बच्चा इसके दलदल में न फंसे। यह बात आज मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने ने शिमला में आयोजित अंतरराष्ट्रीय मादक निषेध और तस्करी रोकथाम दिवस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करने के दौरान कहीं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ने नशे को ख़त्म करने के लिए प्रदेश में मज़बूत क़ानून बनाया है। जो भी सरकारी कर्मचारी या पुलिस के लोग इसमें संलिप्त होंगे खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।आने वाले वक़्त में नशे के दुष्प्रभाव को स्कूली बच्चों के पाठ्यक्रम में भी शामिल किया जाएगा।
इस दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भारतीय जनता पार्टी के कार्यकाल के दौरान शिक्षा का स्तर गिरने के भी आरोप लगाए ।मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन काम कर रही है। शिक्षा की गुणवत्ता की रैंकिंग में हिमाचल प्रदेश 21वें स्थान पर पहुंच गया था जिसमें सुधार कर कांग्रेस सरकार ने पांचवें स्थान पर लाया है। सरकार ने शून्य या कम संख्या वाले स्कूलों को बंद कर वहां से अध्यापकों को दूसरे स्कूल में तैनात किया ताकि बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके।पहले की सरकार एक स्कूल बंद करने में भी डरती थी, लेकिन शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए कांग्रेस सरकार ने कई स्कूलों को रेशनलाइज़ किया और अब उसके सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल रहे हैं।
प्रदेश मुख्यमंत्री ने कहा कि संघीय ढांचे में केंद्र सरकार से मिले प्रोजेक्ट्स पर श्रेय लेने की होड़ नहीं होनी चाहिए बल्कि काम करवाने इच्छा शक्ति होनी चाहिए।अपने वक़्त में मुख्यमंत्री रहते हुए जयराम ठाकुर ने प्रदेश के लिए कुछ भी नहीं किया और अब केंद्र से मिल रही परियोजनाओं को लटकाने का काम कर रहे हैं।लाहौल स्पीति में जिन प्रोजेक्ट्स के केंद्रीय मंत्री किरेन रिजजू शिलान्यास करने जा रहे हैं वह हिमाचल सरकार ने केंद्र से स्वीकृत करवाई है। विपक्षी भाजपा अगर 10 हजार करोड़ रुपए का विशेष आपदा राहत पैकेज हिमाचल को दिलवाती है तो उनका धन्यवाद किया जाएगा।
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