शिमला, सुरेन्द्र राणा; हिमाचल में अब बेटी के नाम जमीन की अतिरिक्त यूनिट रखी जा सकेगी। यानी हर परिवार 150 बीघा से अधिक बेटी के नाम पर और 150 बीघा रख सकेगा। हिमाचल सरकार ने इसके लिए लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन किया है। यह संशोधन हिमाचल में प्रभावी हो गया है। वर्तमान सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने वर्ष 2023 में लैंड सीलिंग एक्ट में यह बदलाव करने के लिए विधानसभा से विधेयक पारित किया था। इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भारत सरकार को भेजा गया था। राष्ट्रपति ने भी इसे पब्लिक इंटरेस्ट में मानते हुए मंजूरी दे दी है। इस संशोधन के तहत लैंड सीलिंग एक्ट की धारा 3, 4 और 5 में बदलाव किया गया है।
हालांकि यह कानून पिछली तारीख से लागू नहीं होगा, लेकिन 11 फरवरी 2025 के बाद हिमाचल में रहने वाला कोई भी परिवार बेटी के नाम पर भी अतिरिक्त 150 बीघा जमीन खरीद सकेगा।क्योंकि 1972 में बने इस कानून के बाद हिमाचल में रहने वाले लोगों ने लैंड सीलिंग से ज्यादा की जमीन पहले ही सरेंडर कर रखी है, इसलिए पूर्व की स्थिति बहाल नहीं होगी। इस कानून के कारण परिवार में बेटा होने पर 150 बीघा की अतिरिक्त यूनिट रखी जा सकती है। इस कारण हर परिवार के पास 300 बीघा जमीन रखने का लैंड सीलिंग में अधिकार है। यह अधिकार बेटियों के लिए नहीं था। अब राज्य सरकार ने बेटे के बराबर ही बेटियों को भी इसी तरह का अधिकार इस कानून में दिया है। बेटी चाहे विवाहित हो चाहे अविवाहित, दोनों ही स्थितियों में यह लाभ मिलेगा। धारा 5 के तहत अब जल विद्युत परियोजनाओं और औद्योगिक यूनिट्स के साथ सरकारी कंपनियों के सोलर प्रोजेक्ट भी अब लैंड सीलिंग के दायरे से बाहर होंगे।
राज्य सरकार ने पिछले विधानसभा सत्र में लैंड सीलिंग एक्ट में एक और संशोधन राधा स्वामी सत्संग ब्यास के लिए किया है। यह भोटा अस्पताल की जमीन को लेकर है। लैंड सीलिंग एक्ट में छूट लेकर रखी गई जमीन को बेचने या ट्रांसफर करने का प्रावधान इस कानून में पहले नहीं है। इसलिए राज्य सरकार ने बिल लाया था। इसे हिमाचल के राज्यपाल को भेजा है और राज्यपाल को प्रक्रिया के तहत इसे राष्ट्रपति को भेजना है। इसमें अभी अनुमति का इंतजार है।
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