शिमला, सुरेन्द्र राणा; राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) हिमाचल प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2025- 26 में हिमाचल प्रदेश को 42,244 हजार करोड़ का ऋण मुहैया करवाएगा।ऋण प्रवाह बीते वर्ष के मुकाबले 22.5 फीसदी बढ़ाया गया है। नाबार्ड की मुख्य प्राथमिकता कृषि क्षेत्र को मज़बूत करना है और सबसे ज़्यादा 16, 825 हजार करोड़ के ऋण कृषि और कृषि से संबंधित विकास परियोजना के लिए दिए जाएंगे।
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने नाबार्ड का स्टेट फोकस पेपर जारी किया और उम्मीद जताई कि प्रदेश में नाबार्ड के सहयोग से विकास कार्यों में तेजी आएगी।इस मौके पर नाबार्ड के सीजीएम डॉ विवेक पठानिया ने कहा कि सरकार के साथ मिलाकर नाबार्ड बुनियादी ढांचे के विकास के लिए महत्वपूर्ण काम कर रहा है।
सड़कों के निर्माण,सिंचाई, पेयजल सहित अन्य योजनाओं के हर साल नाबार्ड 900 रुपए देता है इस बार भी 900 करोड़ का प्रावधान किया है जिसमें ग्रीन राज्य की तरफ फोकस रहेगा जो कि राज्य सरकार का भी ध्येय है।
HRTC को ई चार्जिंग स्टेशन के लिए 110 करोड़ रूपए दिए जाएंगे जिससे 58 चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। इसके अलावा डगवार मिल्क प्लांट के लिए 200 करोड़ रुपए नाबार्ड दे रहा है। सहकारिता का आने वाले समय में बड़ा दायित्व होने वाला है ऐसे में कॉपरेटिव सोसाइटी का कंप्यूटीकरण नाबार्ड करने जा रहा है।
वहीं इस मौके पर मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने कहा कि नाबार्ड प्रदेश के विकास में अहम भूमिका अदा कर रहा है और 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने का लक्ष्य रखा है जिसे निजी निवेश के बिना पूरा नहीं किया जा सकता। ऐसे में ज्यादा से ज्यादा निजी निवेश हिमाचल प्रदेश में लाने का प्रयास होना चाहिए। निवेश कृषि, पर्यटन, उद्योग किसी भी क्षेत्र में हो इसका फायदा हर वर्ग को होगा।
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