शिमला(सुरेन्द्र राणा); कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने केंद्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्री द्वारा 5644 करोड़ के 13 रोपवे स्वीकृति करने की जानकारी देने को एक चुनावी शगूफा करार देते हुए कहा है कि अब जबकि प्रदेश विधानसभा चुनावों में एक साल से कम का समय शेष रह गया है,ऐसे में यह घोषणा धरातल पर कैसे उतरेगी।
उन्होंने कहा कि 2017 में ठीक चुनावों से पूर्व भी केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 60 हजार करोड़ की लागत से बनने वाले 69 राष्ट्रीय राज मार्ग स्वीकृति करने की बात कह कर प्रदेश के लोगों को गुमराह व भर्मित किया था।
राठौर ने एक बयान में कहा कि नितिन गडकरी को पहले 69 राष्ट्रीय राज मार्गों की घोषणा को पूरा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने अब इनके निर्माण से अपना पल्ला ही झाड़ लिया है।उन्होंने कहा कि इन चार सालों में केंद्र सरकार ने प्रदेश के विकास को न तो कोई योजना ही दी और न ही कोई विशेष सहायता।उन्होंने कहा कि प्रदेश भाजपा का डबल इंजन का दावा पूरी तरह हवा हवाई साबित हुआ है जो अलग अलग दिशाओं में चला है।
राठौर ने प्रदेश में ओमिक्रोन की दस्तक पर भी चिंता जताते हुए कहा है कि सरकार पहले कोरोना से निपटने में असफल रही,अब ओमिक्रोन की दस्तक से वह कैसे निपटती है यह देखना होगा।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की 15 साल से 18 साल के बच्चों को टिक्का लगाने की घोषणा के साथ इस कार्य मे प्रदेश में कोई कोताही नहीं बरती जानी चाहिए।उन्होंने कहा कि इसके नियमों का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए।
राठौर ने मंडी में होने वाली भाजपा की रैली में सरकारी तंत्र के दुरुपयोग करने पर दुख जताते हुए प्रदेश के अन्य जिलों से परिवहन निगम की बसों को लगाने की आलोचना की है।उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बसों की कमी के चलते आज लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने सभी जिलों से बसे मंगवा कर मंडी में भारी भीड़ जुटाने के अधिकारियों व कर्मचारियों को जिम्मेदारी सौंपी है।
उन्होंने कहा कि पंचायत सचिवों को आशा वर्कर,मनरेगा दिहाड़ी दार मजदूरों व पंचायत समिति के सदस्यों को सभा स्थल तक लाने व ले जाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।उन्होंने कहा कि एक तरफ कोरोना का भय दूसरी तरफ सरकार का भीड़ जुटाने का फरमान कोविड नियमों की साफ अनदेखी होगी।
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