शिमला, सुरेंद्र राणा: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने शिमला में प्रेस वार्ता को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस बार दीपावली के मद्देनजर कर्मचारियों को नवंबर महीने का वेतन और पेंशनर्स को पेंशन 28 अक्टूबर को मिलेगी। साथ में हिमाचल प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को 01-01-2023 से देय डीए की 4 फीसदी किस्त देने की घोषणा भी उन्होंने की।

वहीं, मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने दशहरे की सभी प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने प्रेस वार्ता कर कहा कि पिछले दिनों विधानसभा सत्र था और विधानसभा सत्र के समय हमने एक स्टेटमेंट पढ़ी थी। उस स्टेटमेंट के अनुसार जो हमारी सरकारी कर्मचारी थे, जिनकी सैलरी कैश फ्लो के कारण मिसमैनेजमेंट हुई थी, उसको हमने रेगुलेट किया और उस समय भी मैंने अपनी स्टेटमेंट में यह कहा था कि हमें फिस्कल डिसिप्लिन और फिस्कल फ्रीडम से आगे बढ़ना है और हमारी वित्तीय स्थिति बहुत अच्छी है, लेकिन हम अनुशासन में रहकर वित्तीय स्थिति को ठीक करना चाहते हैं इसलिए कई सालों से ₹3 करोड़ हमारी सैलरी और पेंशन का ब्याज के रूप में जाता रहा। हमने उसको ठीक किया।

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि कुछ समय के लिए हमें अपनी सैलरी और पेंशन को दो चार दिन के लिए डिले करने का हमने प्रावधान अपनी स्टेटमेंट में किया और उसमें हमने सिंबॉलिक कहा कि जो सरकार नेतृत्व करती है जो सरकार का प्रतिनिधित्व करती है, मुख्यमंत्री और उसके मंत्रिमंडल के सदस्य वह सबसे पहले सिंबॉलिक दो महीने के लिए अपनी सैलरी को नहीं देंगे, ताकि वित्तीय अनुशासन में रहकर आगे बढ़े दो महीने का हमने अधिकतम समय रखा था और दो महीने से पहले जिस प्रकार मुख्यमंत्री के अलावा मैं एक फाइनेंस मिनिस्टर भी हूं। फाइनेंस मिनिस्टर के नाते मेरा अलग दायित्व है और मुख्यमंत्री के नाते मेरा अलग दायित्व है।

मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि उन परिस्थितियों को हमने बड़ी अच्छी तरह अध्ययन किया और मैं बार-बार कहता हूं कि हम व्यवस्था परिवर्तन से आत्मनिर्भर हिमाचल की ओर जा रहे हैं। हम सत्ता में सत्ता सुख के लिए नहीं आए हैं। व्यवस्था परिवर्तन के लिए आए हैं और इस संदर्भ में आज यह कहना चाहता हूं कि प्रदेशवासियों को दशहरे की भी बहुत शुभकामनाएं और दीपावली की शुभकामनाएं। हिमाचल प्रदेश के जो सरकारी कर्मचारी हैं वह किसी ना किसी रूप में प्रदेश की सेवा करते रहे हैं। पिछले कई सालों से कई चीजों के लिए संघर्ष करते रहे। कइयों के मेडिकल बिल कई सालों से पड़े होते हैं। मेरे पास कई बार आए कि हमारे मेडिकल बिल दिला दीजिए। हमारी सरकार ने और मंत्रिमंडल ने, हमने यह फैसला किया है। सरकारी कर्मचारियों के जो भी मेडिकल बिल होंगे उन्हें तुरंत प्रभाव से जो भी पेंडेंसी है, उसको खत्म कर दिया जाएगा।

 

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