शिमला, सुरेंद्र राणा: राज्य स्तरीय 73वें वन्य प्राणी सप्ताह का शुभारंभ बुधवार को शिमला के पोटर हिल में आयोजित विशेष कार्यक्रम से किया गया। इस कार्यक्रम में लोक निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। इस कार्यक्रम की थीम ह्यूमन वाइल्डलाइफ को-एक्सिस्टेंस थी।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यातिथि ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर सभी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज की युवा पीढ़ी को इनके पद चिन्हों पर चलते हुए अपने लक्ष्य हासिल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता ग्रामोद्योग को लेकर हमेशा एक मार्गदर्शक के तौर पर जाने जाते है। उन्होंने कहा था कि असली भारत गांव में बसता है। ऐसे में अगर गांव में विकास होगा तो सम्पूर्ण असली भारत का विकास होगा। ग्रामीण विकास पंचायतों के माध्यम से हो रहा है। अब तो पंचायती राज प्रणाली में महिलाओं की सहभागिता भी बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि वन्य जीव प्राणी सप्ताह और स्वच्छता अभियान के संयुक्त रूप एक जन आंदोलन के तौर पर आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि अभियान कार्यक्रमों तक ही सीमित नहीं होने चाहिए, बल्कि इनमें हर नागरिक की भूमिका को सुनिश्चित करते हुए एक जन आंदोलन के तौर पर होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि वन्य जीवों के क्षेत्रों में इंसानों ने हस्तक्षेप करना शुरू कर दिया है। हर दिन वन्य जीव हमारे आसपास के रिहायशी क्षेत्रों में अपनी सक्रियता बढ़ा रहे है। ऐसे में इंसान अपनी सुरक्षा के चलते वन्य जीवों को नुकसान पहुंचाने का प्रयास कर रहा है, जबकि वन्य जीवों का संरक्षण होना जरूरी है। वन्य जीवों को भी उसी तरह जीने का अधिकार है जिस तरह आम इंसान को है। हम सभी को प्रण लेना चाहिए कि वन्य जीवों के सरंक्षण में अपनी सहभागिता निभाएंगे।

उन्होंने कहा कि हिमाचल की सबसे संपदा वन है। इन्हें सहेजने और हरा रखने के लिए बड़ा जन आंदोलन चलाने की आवश्यकता है। हमारे आसपास जंगलों को सुरक्षित करने के लिए एक दूसरे को जागरूक करते हुए कार्य करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि हमें अपनी स्वच्छता को लेकर हर पल सक्रिय रहना है। यह स्वच्छता अभियान न केवल हमारे मानव बस्तियों की सफाई का कार्य है, बल्कि यह संदेश भी है कि हमें हमारे जंगलों और वन्यजीवों के प्राकृतिक आवासों को भी स्वच्छ और सुरक्षित रखना चाहिए। हम सभी को यह समझना होगा कि स्वच्छ पर्यावरण ही स्वस्थ वन्यजीवों और समृद्ध जैव विविधता का आधार है।

पॉटर हिल में विकसित होगा इको टूरिज्म

मुख्यातिथि ने कहा कि पॉटर हिल को ईको टूरिज्म के हिसाब से विकसित किया जाएगा। इसके लिए प्रदेश सरकार ने हाल ही में यहां पर 5 हेक्टर भूमि की स्वीकृति दे दी है। यहां पर वॉकिंग ट्रेल, माउंटेन साइक्लिंग ट्रेल आदि विकसित करने का प्रस्ताव तैयार किया जा चुका है। वहीं चेड़विक फॉल में गजीबो का निर्माण, बैठने के नए बैंच, वॉकिंग ट्रेल बनाई जानी है। इन पर एशियन डिवेलपमेंट बैंक के सहयोग से करीब 50 लाख रुपए का अनुमानित खर्च होगी। आगामी दो महीने के भीतर इस कार्य को अमलीजामा पहना दिया जाएगा।

पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ अमिताभ गौतम ने कहा कि इस सप्ताह के तहत कई कार्यक्रम होंगे। इसके तहत पक्षियों को उनके आवास में छोडना, पॉटर हिल्स कंजर्वेशन रिजर्व में विशेषज्ञों द्वारा वन्य जीवों पर आधारित गहन चर्चाओं के सत्र का आयोजन, शिमला वाटर कैचमैन्ट ढली में साईकल रैली का आयोजन, रिज मैदान से समरहिल तक मिनि-मैराथन का आयोजन तथा वन मुख्यालय शिमला में मानव वन्य जीव सह-अस्तित्व पर संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त वन कर्मियों व अन्य लोगों के लिए वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी, वृत चित्र, चित्रकारी, वन्यप्राणी समूहगान प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया जा रहा है। प्रदेश भर में स्कूलों में भी चित्रकारी, प्रश्नोतरी, ट्रैकिंग इत्यादि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता और वन्यप्राणी संरक्षण एक-दूसरे से गहराई से जुड़े हुए हैं। प्रदूषण और गंदगी न केवल हमारे समाज और स्वास्थ्य को प्रभावित करती है, बल्कि वन्यजीवों के प्राकृतिक आवासों को भी खतरे में डालती है। प्लास्टिक कचरा, रसायन, और अन्य प्रदूषक जंगलों, नदियों, और समुद्रों में पहुंचकर वन्यजीवों के जीवन को संकट में डालते हैं। इस वन्यप्राणी सप्ताह के उपलक्ष्य पर आज हम स्वच्छता अभियान चलाकर स्वच्छता और वन्यजीव संरक्षण की ओर कदम बढायेंगे। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे वन क्षेत्र, नदियां, और प्राकृतिक संसाधन प्रदूषण से मुक्त हों, ताकि हमारी वन्यप्राणी धरोहर सुरक्षित रह सके।

कार्यक्रम के दौरान द बिग्नर ग्रुप की ओर से स्वागत गीत और स्वच्छता अभियान से जुड़े नाटक का मंचन किया गया। वहीं इस अवसर पर राज्य एड्स नियंत्रण समिति की ओर से एचआईवी मुक्त हिमाचल को लेकर लोगों को मुख्यातिथि की ओर से शपथ दिलाई गई।

मुख्यातिथि ने वन्य जीव प्रभाग के स्वच्छता अभियान को भी हरी झंडी दिखाई। इस सफाई अभियान में हीलिंग हिमालय संस्था, आरकेएमवी कॉलेज के ईको क्लब की छात्राएं, स्थानीय लोग विशेष तौर पर मौजूद रहे।

जुजुराना को लिया गोद

मुख्यातिथि ने वन्य जीव प्रभाग की ओर से चलाये जा रहे अडॉप्शन प्रोग्राम के तहत राज्य पक्षी जुजुराना को एक साल के लिए गोद लिया है। इसके लिए मुख्यातिथि ने अपनी आय से 13 हजार रूपए की राशि सालाना इसके खर्च के लिए देने का फैसला भी लिया है। उन्होंने प्रदेश के लोगों से आह्वान किया कि वह भी चिड़ियाघरों में रखे हुए वन्य जीवों को एक साल के लिए गोद ले और उनकी देखभाल करें। इसके बदले लोगों को निर्धारित राशि अदा करनी होती है।

वन्य जीव सप्ताह के तहत होंगे विभिन्न कार्यक्रम

वन्य जीव प्रभाग की ओर से 2 से 8 अक्टूबर तक वन्य जीव सप्ताह मनाया जा रहा है जिसके तहत 3 अक्टूबर को चीर फिजेंट को छोड़ा जाएगा। 4 अक्टूबर को स्टोरी टेलिंग सेशन, 5 अक्टूबर को साइकिल रैली, 6 अक्टूबर को मिनी मैराथन, 7 अक्टूबर को सेमिनार और 8 अक्टूबर को समापन कार्यक्रम आयोजित होंगे।

एचपीयू के हॉस्टल का किया निरीक्षण लोक निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री ने हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी के शहीद भगत सिंह हॉस्टल का औचक निरीक्षण भी किया। इस दौरान छात्रों ने विभिन्न मांगों से मंत्री को अवगत करवाया। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि छात्रों की मांगों पर सकारात्मक कदम उठाए जाएंगे।

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