नौ तारीख को पेंशन देने के फैसले से सचिवालय एवं अन्य संबद्ध पेंशनर्स कल्याणसंघ नाराज, राज्यपाल से करेंगे वित्तीय आपातकाल की सिफारिश की मांग बोले डीए और एरियर से ध्यान भटकाने के लिए सरकार अपना रही ऐसे हथकंडे

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शिमला: सुरेंद्र राणा: हिमाचल प्रदेश सचिवालय एवं अन्य संबद्ध पेंशनर्स कल्याण संघ के प्रधान मदनलाल शर्मा महासचिव भूप राम वर्मा ने एक संयुक्त बयान में प्रदेश सरकार के 9 तारीख को पेंशन देने के निर्णय का कड़ा विरोध किया हैं।

उन्होंने कहा कि अभी तक कर्मचारी और पेंशनरों को हर प्रकार के वित्तीय लाभ एक साथ मिलते थे लेकिन इस पक्षपातपूर्ण निर्णय से सरकार पेंशनरों के प्रति भेदभाव का रवैया अपना रही है। इस प्रथा को आरंभ करके कर्मचारियों व पेंशनरों के बीच लड़ाई करवाने का प्रयास हो रहा है। सरकार का कहना है कि कई कर्मचारियों ने बैंकों से ऋण लिया है और उन्हें मासिक किस्त पहली तारीख को अदा करनी पड़ती है इसलिए कर्मचारियों को वेतन पहली तारीख को देने का निर्णय लिया गया है।

संघ सरकार से पूछना चाहता है कि क्या पेंशनरों को भी ऋण की किस्त पहली तारीख को नहीं देनी पड़ती है? सरकार ऐसे निर्णय लेकर अपना दिवालियापन प्रदर्शित कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार एरियर और डीए से ध्यान भटकाने के लिए इस प्रकार के हथकंडे अपना रही है। उन्होंने कहा कि सरकार लगातार फिजूलखर्ची करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। पेंशनरों के लिए वित्तीय स्थिति खराब होने की बात कहकर बेवकूफ बनाने का प्रयास किया जा रहा है। संघ ने बैठक कर यह निर्णय लिया है कि आगामी दो तीन दिनों में संघ के पदाधिकारी राज्यपाल को ज्ञापन सौंप कर मांग करेंगे कि प्रदेश में वित्तीय आपातकाल लगाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।इस बैठक में नीलम चौहान, उप प्रधान आरएस नेगी रमा कुमारी, सीमा सूद उपस्थित रहे।

 

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