शिमला, सुरेंद्र राणा: स्ट्रीट वेंडर एक्ट के संबंध में समाज के विभिन्न वर्गों से अनेक सुझाव प्राप्त हुए हैं। अभी तक सरकार ने विक्रेताओं की ओर से अपनी दुकानों पर नामपट्टिका या अन्य पहचान अनिवार्य रूप से प्रदर्शित करने का कोई निर्णय नहीं लिया है। यह जानकारी गुरुवार को राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने दी। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य के रेहड़ी-पहड़ी वालों की चिंताओं को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है और कोई भी निर्णय लेने से पहले सभी सुझावों पर ध्यानपूर्वक विचार करेगी। प्रवक्ता ने बताया कि इस मामले को सुलझाने के लिए कांग्रेस और भाजपा दोनों विधायकों की एक समिति पहले ही गठित की जा चुकी है।
संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता वाली इस समिति में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह और विधायक अनिल शर्मा, सतपाल सत्ती, रणधीर शर्मा और हरीश जनारथा शामिल हैं। समिति राज्य सरकार को अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करने से पहले विभिन्न हितधारकों के सुझावों की समीक्षा करेगी। उन्होंने कहा कि एक बार जब उनकी विस्तृत सिफारिशें प्रस्तुत हो जाएंगी तो मंत्रिमंडल इस मामले पर कोई भी अंतिम निर्णय लेने से पहले उनका सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करेगा।
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