चंडीगढ़, सुरेंद्र राणा:पूर्व आईएएस मोहिंदर सिंह की चंडीगढ़ स्थित कोठी पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रेड की। वह यूपी कैडर के अधिकारी रहे हैं। छापामारी में उनकी कोठी से करीब 7 करोड़ के हीरे और सोने के गहने बरामद हुए बताए जा रहे हैं। यह छापा लग्जरी फ्लैट बनाने वाली कंपनी होसिंडा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड के एक प्रोजेक्ट लोटस-300 से जुड़ा हुआ है। छापे कंपनी के साझेदार मेरठ निवासी आदित्य गुप्ता और आशीष गुप्ता के 5 ठिकानों पर भी हुए हैं। वहां से ईडी को 5 करोड़ के हीरे बरामद हुए हैं। इनका शारदा एक्सपोर्ट नाम से कारोबार है। ईडी ने दिल्ली, नोएडा, और गोवा स्थित ठिकानों पर भी छापा मारा है। सूत्रों के मुताबिक, मोहिंदर सिंह 2011 में नोएडा विकास प्राधिकरण (एनडीए) के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर रह चुके हैं। इस प्रकरण में ईडी नोएडा अथॉरिटी के तत्कालीन अधिकारियों की भूमिका की जांच भी कर रही है। मोहिंदर सिंह का नाम बसपा सरकार में नोएडा और लखनऊ में महापुरुषों के नाम पर बने स्मारकों और पार्कों के निर्माण में 14 अरब रुपए के घोटाले में भी सामने आ चुका है।
विजिलेंस ने उनसे पूछताछ के लिए पूर्व आईपीएस अधिकारी को नोटिस भी जारी किया था। लेकिन आस्ट्रेलिया में होने की वजह से वह पेश नहीं हुए थे। उन्हें नवंबर 2011 में नोएडा अथॉरिटी का मुख्य कार्यपालक अधिकारी बनाया गया था। इस मामले में बसपा सरकार में मंत्री रहे बाबू सिंह कुशवाहा और नसीमुद्दीन सिद्दीकी भी जांच के दायरे में आए थे।
विजिलेंस ने उनसे पूछताछ के लिए पूर्व आईपीएस अधिकारी को नोटिस भी जारी किया था। लेकिन आस्ट्रेलिया में होने की वजह से वह पेश नहीं हुए थे। उन्हें नवंबर 2011 में नोएडा अथॉरिटी का मुख्य कार्यपालक अधिकारी बनाया गया था। इस मामले में बसपा सरकार में मंत्री रहे बाबू सिंह कुशवाहा और नसीमुद्दीन सिद्दीकी भी जांच के दायरे में आए थे।