एमयूडीए भूमि घोटाला मामले में राज्यपाल ने जांच को दी मंजूरी कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोले गवर्नर का फैसला संविधान विरोधी कोर्ट में देंगे चुनौती

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बंगलुरु:कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की मुश्किलें बढ़ गई हैं। राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) भूमि आबंटन घोटाले से संबंधित आरोपों के संबंध में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। इस फैसले के बाद राज्य में राजनीतिक तनाव बढ़ गया है। इस पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने निशाना साधा है। अभियोजन की मंजूरी पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि कर्नाटक के राज्यपाल का फैसला संविधान विरोधी और कानून के खिलाफ है। इसे अदालत में चुनौती दी जाएगी। उन्होंने कहा कि मैंने ऐसा कोई गलत काम नहीं किया है कि इस्तीफा देना पड़े। बीजेपी, जद (एस) और अन्य ने लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित सरकार को हटाने की साजिश रची है। बता दें कि राजभवन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्यपाल ने मुख्यमंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। यह फैसला टीजे अब्राहम, प्रदीप और स्नेहमयी कृष्णा की ओर से दायर तीन अर्जी पर आधारित है।

राज्यपाल सचिवालय ने प्रदीप कुमार एसपी, टीजे अब्राहम और स्नेहमयी कृष्णा को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 17 और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 218 के तहत अर्जी में उल्लिखित कथित अपराधों के लिए सिद्धारमैया के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी के अनुरोध पर प्राधिकरण के निर्णय के बारे में सूचित किया। सिद्धारमैया के खिलाफ आरोप मुख्य रूप से एमयूडीए द्वारा किए गए भूमि आबंटन में गड़बड़ी से संबंधित है। आरोप है कि ऐसा करके उन्होंने अपनी पत्नी पार्वती सिद्धारमैया को फायदा पहुंचाया था। हालांकि, मुख्यमंत्री पहले इन आरोपों को खारिज कर चुके हैं और दावा कर चुके हैं कि सीएम रहते उन्होंने इस मामले में हस्तक्षेप नहीं किया था।

तीन एकड़ जमीन के अधिग्रहण का केस

2021 में, एमयूडीए ने विकास के लिए केसर गांव में उनकी तीन एकड़ की जमीन का अधिग्रहण की थी। बाद में मैसूर के एक रिच शहर विजयनगर में उनकी जमीनों को फिर से आबंटित किया गया। आलोचकों का दावा है कि आबंटित जमीनों का बाजार मूल्य उनकी जमीन की कीमत से काफी ज्यादा थी।

आबंटन प्रक्रिया में हेराफेरी का मामला

अभियोजन की अनुमति देने से पहले राज्यपाल ने सिद्धारमैया को 26 जुलाई को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसमें उनके खिलाफ आरोपों के बारे में स्पष्टीकरण मांगा गया था। अब्राहम ने पार्वती को आबंटित मुआवजे वाली जमीनों को वापस लेने का भी आग्रह किया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि भूमि आबंटन प्रक्रिया के दौरान अवैध रूप से हेरफेर हुआ था।

सिद्धारमैया पर एक और आरोप

कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा ने सिद्धारमैया के खिलाफ एक निजी आपराधिक शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उन पर एमयूडीए भूमि को पारिवारिक संपत्ति के रूप में दावा करने को लेकर डॉक्यूमेंट्स में जालसाजी का आरोप लगाया गया है। इस शिकायत की जांच के लिए अभी राज्यपाल की मंजूरी की जरूरत है। हालांकि, सीएम सिद्धारमैया ने इन आरोपों का खंडन किया है और आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया है।

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