शातिर वीडियो सोशल मीडिया पर डालने की देते रहे धमकी
शिकायतकर्ता के अनुसार महिला ठग ने उसे अनजान नंबर से व्हाट्स कॉल की और धीरे-धीरे उससे दोस्ती कर ली। महिला ठग ने शिकायतकर्ता को अपने जाल में फंसा कर धोखे से स्क्रीन रिकॉर्डर की मदद से उसकी नग्न वीडियो बना ली। इसके बाद शिकायतकर्ता का इस वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफार्म में डालने की धमकी देकर शिकायतकर्ता को धनराशि देने के लिए मजबूर किया।
शिकायतकर्ता के अनुसार महिला ठग ने उसे अनजान नंबर से व्हाट्स कॉल की और धीरे-धीरे उससे दोस्ती कर ली। महिला ठग ने शिकायतकर्ता को अपने जाल में फंसा कर धोखे से स्क्रीन रिकॉर्डर की मदद से उसकी नग्न वीडियो बना ली। इसके बाद शिकायतकर्ता का इस वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफार्म में डालने की धमकी देकर शिकायतकर्ता को धनराशि देने के लिए मजबूर किया।
महिला की झूठी आत्महत्या की कहानी
इसके बाद साइबर ठगों ने ठगी का असली खेल खेला। साइबर ठगों ने इस वीडियो के वायरल होने के कारण शिकायतकर्ता के साथ वीडियो में दिख रही महिला की झूठी आत्महत्या की कहानी बना डाली। जबकि शातिर खुद पुलिस अधिकारी और सीबीआई अधिकारी बनकर केस में से शिकायतकर्ता का नाम पर हटाने के नाम पर पैसे देने के लिए दवाब बनाने लगे। इस तरह शिकायतकर्ता ने अभी तक विभिन्न माध्यम से कुल 27,14,500 रुपये 91 ट्रांजेक्शनों के माध्यम से ठगों द्वारा उपलब्ध करवाए गए खातों में डलवाए। 27.14 लाख रुपये की धनराशि में शिकायतकर्ता ने कुछ परिजनों और कुछ ऋण से जुटाई और शातिरों को दी।
मंडी साइबर पुलिस थाना में मामला दर्ज
शिकायत मिलने पर साइबर पुलिस थाना में शातिरों के खिलाफ धारा 318 (4) व 319 (2) भारतीय न्याय संहिता तथा 66 (डी) आईटी एक्ट के तहत दर्ज हुआ है। मामला दर्ज होने के बाद साइबर पुलिस इस मामले से जुड़ी ट्रांजेक्शन खंगालने में जुट गई है। ताकि शातिरों तक पहुंचा जा सके।
शिकायत मिलने पर साइबर पुलिस थाना में शातिरों के खिलाफ धारा 318 (4) व 319 (2) भारतीय न्याय संहिता तथा 66 (डी) आईटी एक्ट के तहत दर्ज हुआ है। मामला दर्ज होने के बाद साइबर पुलिस इस मामले से जुड़ी ट्रांजेक्शन खंगालने में जुट गई है। ताकि शातिरों तक पहुंचा जा सके।
उधर, साइबर पुलिस थाना मध्य खंड के एएसपी मनमोहन सिंह ने बताया कि समय-समय पर साइबर क्राइम पुलिस थाना मंडी द्वारा एडवाइजरी भी जारी की जा रही है।
आम जनता से आग्रह है कि किसी अनजान व्यक्ति से वीडियो या व्हाट्स एप काल न स्वीकार न करें। इस तरह के झांसे में न आएं। इससे आर्थिक नुकसान हो सकता है। यदि फिर भी कोई व्यक्ति इस तरह के साइबर क्राइम का शिकार हो चुका है तो वह तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 या साइबर क्राइम पुलिस थाना मंडी के लैंडलाइन नंबर 01905-226900 या ई मेल pscyber-cr@hp.gov.in पर संपर्क करें।