दिल्ली:राहुल गांधी ने गुरुवार को प्रेस कान्फ्रेंस कर चार जून को रिजल्ट वाले दिन शेयर बाजार में हुई गिरावट को बड़ा घोटाला बताया, जिसमेें आम जनता के 30 लाख करोड़ डूब गए। उन्होंने इसकी जेपीसी (ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी) से जांच कराने की मांग की है। राहुल गांधी ने कहा कि शेयर मार्केट को लेकर पहले गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि आने वाली चार जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे आएंगे, तो शेयर बाजार आसमान पर जाएगा। इसके तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शेयर बाजार में रिकार्ड तेजी आने की बात कहते हुए लोगों को शेयर खरीदने की सलाह दी। इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी इसी तरीके से शेयर बाजार में जोरदार उछाल की बात कही थी। लोकसभा चुनाव के नतीजों वाले दिन यानी चार जून को सेंसेक्स में 4389 अंकों (5.74 फीसदी) की गिरावट देखने को मिली थी। इससे निवेशकों को 30 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। चार जून को बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का ओवर ऑल मार्केट कैप 395 लाख करोड़ रुपए हो गया था, जो एक दिन पहले लगभग 426 लाख करोड़ रुपए था। राहुल गांधी ने कहा कि जब प्रधानमंत्री और गृहमंत्री शेयर मार्केट में उछाल की बात करते हैं, तो जनता का विश्वास बढ़ता है। प्रधानमंत्री और शाह को पता था कि इस बार रिजल्ट 400 या 300 नहीं रहने वाला है।
उनकी सिर्फ 220 के करीब सीटें आएंगी। फिर भी इन्होंने अपने बयानों से मार्केट को अस्थिर करने की कोशिश की। अपने दावे का सही साबित करने के लिए गलत एग्जिट पोल चलाए गए। उन्हीं के लोगों ने शेयर बाजार में इन्वेस्ट किया और उनको फायदा हुआ और बाकी लोगों को घाटा हुआ। इस मामले में प्रधानमंत्री और गृहमंत्री डायरेक्ट इन्वॉल्व हैं। उनके पास जानकारी थी कि भाजपा को बहुमत नहीं मिल रहा और वे जानते थे कि चार जून को क्या होने वाला है? उनकी वजह से आम लोगों का 30 लाख करोड़ रुपए डूब गया और हजारों-लाखों करोड़ रुपए का चुने हुए लोगों को फायदा हुआ है। इसी वजह से हम जांच चाहते हैं।
अगर मामले की जांच होगी, तो सब साफ-साफ पता चल जाएगा। उधर, राहुल के आरोप पर भाजपा नेता पीयूष गोयल ने कहा कि फिर एक बार मोदी सरकार आना निश्चित है। इस बात से राहुल गांधी परेशान नजर आते हैं। लोग निवेश न करें, इसके लिए बोल रहे हैं। आज से 10 साल पहले जब यूपीए की सरकार थी, तब भारत का मार्केट कैप 67 लाख करोड़ था। यही मोदी जी को विरासत में मिला था। आज हमारा मार्केट कैप 415 लाख करोड़ का मार्केट कैप हो चुका है।
इसमें पांच गुना से ज्यादा बढ़त मोदी सरकार के कार्यकाल में हुई है। पीयूष गोयल ने बताया कि जिस दिन एग्जिट पोल आए तो मार्केट ऊपर था। तब विदेशी निवेशकों ने महंगे दाम पर शेयर खरीदे। भारतीय निवेशकों ने बेचकर लाभ लिया। चार जून को जब मार्केट गिरा, तब फोरेन इन्वेस्टर्स ने कम दाम पर बेचा और भारतीय निवेशकों ने खरीदा। भारतीय निवेशकों ने सोचा कि मोदी सरकार आ रही है, हम फायदा कमाएंगे। कहने का मतलब यह है कि भारतीय निवेशकों ने महंगे दाम पर बेचा और कम दाम में खरीदा। इसलिए फायदा भारतीय निवेशकों को ही हुआ है।
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