शिमला, सुरेंद्र राणा: पहली जून को लोकसभा चुनाव के लिए एचआरटीसी की 1408 बसों की ड्यूटी लगाई गई है। 29 मई से लेकर पहली जून तक ये बसें चुनाव ड्यूटी में रहेगी। ऐसे में गर्मी के दौरान लोगों को बसों की किल्लत का भी सामना करना पड़ेगा। करीब 50 फीसदी बसें ही रूटों पर यात्रियों को मिलेगी। एचआरटीसी प्रबंधन का दावा है कि उन्होंने वैकल्पिक तौर पर बसों की आवाजाही के रूट तय किए हैं, जिस रूट पर चार बसें चलती हैं, वहां पर सिर्फ एक ही बस जाएगी।
यानी की 29 मई से ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे ज्यादा दिक्कत होने वाली है। एचआरटीसी की पांच टैम्पो ट्रैवलर भी ड्यूटी पर जाएगी। एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर का कहना है कि 1408 बसें चुनाव ड्यूटी में जाएगी। हम इस बात का पूरा याल रखने की कोशिश कर रहे हैं कि लोगों को किसी तरह की दिक्कत न आए।
हिमाचल में एचआरटीसी के बेड़े में 3500 बसें हैं। इनमें से 3000 के करीब बसें अभी वर्तमान में चल रही हैं, जबकि अन्य बसें खराब हैं। ऐसे में चुनाव ड्यूटी में होने के कारण महज 50 फीसदी बसें ही रूटों पर मिलेगी। हिमाचल से बाहर विभिन्न रूटों पर भी एचआरटीसी की बसें चलती हैं, जिसमें दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, हरिद्वार व चंडीगढ़ तमाम प्रदेशों के रूट हैं। इस तरह से एक साथ चुनावी ड्यूटी में बसों के जाने से यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
शहरों में निजी बसों की भी काफी ज्यादा उपलब्धता हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादातर एचआरटीसी की बसें ही जाती हैं। चंबा, किन्नौर, कुल्लू और अन्य जिलों के जनजातीय क्षेत्रों तक एचआरटीसी की बसें ही जाती हैं। ऐसे में अगर बसों को चुनाव ड्यूटी में भेजा जाएगा, तो लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। जब इलेक्शन ड्यूटी में बसें जाएगी तो वे समय पर अपने डिपो में भी नहीं पहुंच पाएगी। ऐसे में लोगों को थोड़ी दिक्कत आएगी।
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