प्रदेश के अस्पतालों में चरमराई स्वास्थय सुविधाएं : संदीपनी भारद्वाज

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शिमला, सुरेंद्र राणा: भारतीय जनता पार्टी प्रदेश प्रवक्ता संदीपनी भारद्वाज ने शिमला में प्रैस को बयान देते हुए कहा कि प्रदेश की वर्तमान कांग्रेस सरकार निकम्मी सरकार है पिछले 15 महीनों में सुक्खू सरकार ने प्रदेश की हालत बद्द से बद्दतर बना दी है व हर एक मोर्चे पर विफल साबित हुई हैं। प्रदेश सरकार की निकम्मी योजनाआें की वजह से प्रदेश लगातार आर्थिक संकट व भारी कर्ज के बोझ के तले दबता जा रहा हैं। एक तरफ तो सुक्खू सरकार कहती है कि प्रदेश सरकार के पास पैसे का अभाव है वहीं पिछले 15 महीनों में प्रदेश सरकार में कई तरह के केबिनेट रैंक के पद सीपीएस, सलाहकार आदि राजनीतिक लाभ के पद रेवड़ियों की तरह बांटे गए हैं। इस प्रदेश सरकार के सत्ता में आने के बाद से प्रदेश में अभी तक कोई भी भर्ती प्रक्रिया पूर्ण नहीं की गई है और कांग्रेस की गारंटियां मात्र झूठी गारंटियां बन कर रह गई है।

संदीपनी भारद्वाज ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने आयुष्मान भारत की कल्पना की जिसमें देश और प्रदेश के लाखों लोगों का मुफ्त ईलाज सुविधा प्रदान की गई। जिसके तहत हिमाचल प्रदेश में 4 लाख 33 हजार लोगों को इस योजना का लाभ प्राप्त हुआ। देश में प्रधानमंत्री मोदी के साथ-साथ प्रदेश में जयराम ठाकुर की भी बहुत संवेदनशील सरकार थी और हम यही नहीं रूके हमने एक हिमकेयर योजना लाई जिससे हिमाचल प्रदेश में 8.5 लाख लोगों को इसका लाभ मिला, लेकिन फ्री दवाई और फ्री इलाज की छोड़िए लगभग 353 करोड़ रूपए हिमकेयर की देनदारी इस सुक्खू सरकार की शेष पड़ी है। जिसकी वजह से पीजीआई, आईजीएमसी और ऐसे हिमकेयर में जो संस्थान पंजीकृत है, लगभग 292 संस्थान वहां पर लोगो को यह फ्री ईलाज और मुफ्त दवाईयां की सुविधा इस प्रदेश में नहीं मिल रही है।

उन्हांने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जहां यह झूठी गारंटी की बात करते थे मुफ्त बिजली, पेंशन देने की बात करते थे वो बात तो छोड़िये लेकिन पिछली सरकार द्वारा चलायी गयी योजनाओं को भी पूरा नहीं कर पा रही है। हिमकेयर योजना के तहत आईजीएमसी के 92 करोड़ रुपए, टाडा मेडिकल कॉलेज 107 करोड़ रूपए और पीजीआई चंडीगढ़ की 30 करोड़ रूपए की देनदारी इस सरकार की बची हुई है और जो लोग इलाज के लिए अस्पतालों में इस कल्पना से गए थे कि आयुष्मान व हिमकेयर योजना का हमारा कार्ड है परन्तु वहाँ से निराश होकर ही लोग निकल रहें है।

आयुष्मान भारत में प्रदेश का जो हिस्सा होता है उसको देने में भी यह सरकार नाकाम हुई हैं और हद तो तब हो गयी की जो ऐम्ब्युलन्स हमारे रोगियां को गांव से फ्री में ले करके आती थी और उसके लिए भारत सरकार का जो बजट आता था उस बजट के लिए यहाँ का पिछला जो एक्सपेंडिचर था वो भेजना पड़ता था और प्रदेश का हिस्सा देना पड़ता था वो भी अभी तक नहीं दे पाए उल्टा दिल्ली से 15 लाख की पेनल्टी बहुत चिंता का विषय है प्रदेश के अस्पतालों में जरूरतमंदो को फ्री की सर्जरी, दवाइयों की सुविधा भी बंद है और आइजीएमसी जो फ्री दवाइयां की सुविधा मिलती थी उसका बकाया भी अभी तक शेष हैं जिसके कारण गरीब लोगों तक ये दवाइयों की सुविधा नहीं मिल रही है और लोग निराशा से भटक रहें है।

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