दिल्ली: भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने कहा है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून अपने निर्धारित समय से तीन दिन आगे चल रहा है। 19 मई के आसपास दक्षिण-पश्चिम मानसून दक्षिणी अंडमान सागर में प्रवेश कर जाएगा। इसके अलावा यह बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व के कुछ हिस्सों में भी उसी दिन तक प्रवेश कर जाएगा। अमूमन हर साल 22 मई को मानसून इस हिस्से में पहुंचता है, लेकिन इस साल उससे तीन दिन पहले ही प्रवेश करने जा रहा है।
मानसून सामान्यत: पहली जून के आसपास केरल में दस्तक देता है। इसके बाद यह आमतौर पर तेजी के साथ उत्तर की ओर बढ़ता है और 15 जुलाई के आसपास पूरे देश में छा जाता है। मौसम विभाग को उम्मीद है कि इस साल देश में सामान्य से ज्यादा मानसूनी बारिश होगी। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने 15 अप्रैल को अपने दीर्घकालिक पूर्वानुमान में कहा था कि जून से सितंबर के बीच देश में पांच फीसदी की त्रुटि के साथ मानसूनी वर्षा करीब 106 फीसदी रहने की उम्मीद है, जो सामान्य से ऊपर माना जाता है।
मौसम विभाग के ताजा पूर्वानुमान में कहा गया है कि मौजूदा समय में दक्षिण कर्नाटक के आंतरिक भाग के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन और निचले क्षोभमंडल स्तर पर एक ट्रफ रेखा बनी हुई है, जो उत्तर-पश्चिमी मध्य प्रदेश तक जा रही है। इसकी वजह से अगले पांच दिनों के दौरान मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़, मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में गरज, बिजली और तेज हवाओं (40-60 किलोमीटर प्रति घंटे) के साथ छिटपुट से लेकर हल्की और मध्यम वर्षा होने की संभावना है।
मौसम विभाग ने कहा है कि 14 मई को गुजरात और आसपास के क्षेत्र में आंधी चलने की संभावना है। इस दौरान बिजली कडक़ने और 30-40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं। दूसरी तरफ आईएमडी ने कहा है कि इस सप्ताह के मध्य तक यानी 16 मई से उत्तर पश्चिम भारत में फिर से गर्मी का दौर शुरू हो सकता है। विभाग के मुताबिक, अगले पांच दिनों के दौरान उत्तर पश्चिम और पूर्वी भारत के कई हिस्सों में अधिकतम तापमान लगभग तीन से पांच डिग्री सेल्सियस तक चढ़ सकता है।
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