शिमला, सुरेंद्र राणा: मुख्य निर्वाचन अधिकारी हिमाचल ने रेगुलराइजेशन की फाइल को दिल्ली भेज दिया है। अब भारत निर्वाचन आयोग ही इस पर कोई फैसला देगा। राज्य सरकार ने विभिन्न महकमों में 31 मार्च, 2024 को दो साल पूरे करने वाले अनुबंध कर्मचारियों की रेगुलराइजेशन के लिए सिंगल मंजूरी चुनाव आयोग से लेने का निर्णय लिया था। इस कारण मामला मुख्य निर्वाचन अधिकारी को भेजा गया था, जो अब दिल्ली चला गया है। जहां तक टीजीटी बैचवाइज नियुक्ति का मामला है, तो इस प्रोपोजल से चुनाव आयोग सहमत नहीं है।
तर्क दिया जा रहा है कि चुनाव आचार संहिता के अनुसार लोकसेवा आयोग या राज्य चयन आयोग की भर्तियों के मामले में छूट मिलती है, लेकिन यह प्रस्ताव बैचवाइज नियुक्तियों का है। इसीलिए इस केस को अभी तक न दिल्ली भेजा गया है, न ही सरकार को मंजूरी दी गई है। दूसरी तरफ जेबीटी और शास्त्री में बैचवाइज नियुक्ति भी लगभग इसी तरह अटक जाएंगी। हालांकि ये दोनों मामले अभी न्यायालय में विचाराधीन हैं।
शुक्रवार को हिमाचल हाई कोर्ट में शास्त्री भर्ती का मामला सुनवाई के लिए लगा था। हेमंत शर्मा बनाम हिमाचल सरकार केस में अब सुनवाई आठ मई को तय हुई है। राज्य सरकार की ओर से केंद्रीय योजनाओं में राज्य का वित्तीय हिस्सा देने को लेकर भी मामला चुनाव आयोग से उठाया गया है। चुनाव आचार संहिता के कारण नई फंड एलोकेशन पर भी रोक लग गई है।
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