शिमला, सुरेंद्र राणा: जिस तरह से दिल्ली में कांग्रेस का एक नेता ‘पप्पू’ कहलाता है, ठीक उसी तरह हिमाचल में भी एक ‘छोटा पप्पू’ है, जो अपने परिवार के दम पर राजनीति करता है। आए दिन वह छोटा पप्पू मुझे भी कलंकित करने की कोशिश करता है, लेकिन उसकी यह कोशिश कभी सफल नहीं हो पाएगी। कंगना रणौत ने कहा कि मुझे फिल्म इंडस्ट्री में भी ऐसे राजा बेटा बहुत मिले हंै, जो हर जगह मुझे आहत करना चाहते थे, लेकिन वे लोग ही आज खत्म हो गए हैं। आज जनता मेरे साथ है और में ऐसे पप्पुओं से डरने वाली नहीं हूं। मनाली की मनुरंगशाला में भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेताओं व विक्रमादित्य पर तीखे प्रहार करते हुए मंडी लोकसभा चुनाव की उम्मीदवार कंगना रणौत ने कहा कि वह छोटा पप्पू यह कहता है कि मैं गोमांस खाती हूं और मैं धर्म विरोधी हूं।
अगर उनके पास कोई सबूत हैं कि मैंने गोमांस खाया है, तो वह उसे जनता के सामने पेश क्यों नहीं करते है। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने महिलाओं को आरक्षण दिया है। आज कांग्रेस के नेता, जो मुझे डरा धमका रहे हंै, मैं उनसे डरने वाली नहीं हूं। सीपीएस सुंदर ठाकुर का नाम न लेते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस के एक नेता ने भी मुझे कहा था कि ढिंचक-ढिंचक करती है और चली जाती हैं। इस पर कंगना रणौत ने कहा कि जो यह बात कहते हैं कि अगर वह मेरी फिल्म का एक सीन भी पूरा कर दें, तो मैं राजनीति तो क्या में भारत को ही छोडक़र चली जाऊंगी।
विक्रमादित्य का पलटवार, प्रदेश के मुद्दों पर होनी चाहिए बात
पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि प्रभु राम कंगना रणौत को सद्बुद्धि दें। उन्होंने कहा कि वह मुंबई में क्या खाती हैं या क्या पीती हैं, इससे हिमाचल के लोगों को कोई सरोकार नहीं है। प्रदेश में बात मुद्दों पर होनी चाहिए। मंडी संसदीय क्षेत्र के विकास को लेकर कंगना रणौत के पास क्या विज़न है, इस पर बात की जानी चाहिए। विक्रमादित्य सिंह मनाली में कंगना रणौत के भाषण का जवाब शिमला से दे रहे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि वे कंगना रणौत का मान-सम्मान करते हैं, लेकिन जैसी भाषाशैली का प्रयोग उन्होंने किया है, उसके लिए कोटी-कोटी नमन भी करते हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल में ऐसी भाषा का प्रयोग कभी नहीं हुआ। कंगना रणौत को मनाली में मुद्दों की बात करनी चाहिए।
आपदा के समय कंगना रणौत एक दिन भी मनाली नहीं गईं, जबकि वह आपदा के समय आलू ग्राउंड में उपलब्ध थे। इस दौरान लोगों का दुखड़ा सुना। केंद्रीय मंत्रियों से दिल्ली में मुलाकात की। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को मनाली लेकर आए और उनसे राहत पैकेज मंजूर करवाया। उन्होंने कहा कि मंडी विधानसभा क्षेत्रों में जो मुद्दे हैं, उन पर बात करें। हिमाचल के विकास पर बात करें। खाने-पीने की बातों पर ध्यान केंद्रित न करें। विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि हिमाचल के लोगों को कोई लेना-देना नहीं है कि वह मुंबई में क्या खाती हैं।
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