शिमला, सुरेंद्र राणा: लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के बीच हिमकेयर योजना के तहत नि:शुल्क इलाज के जरूरतमंद गरीब मरीजों को झटका लगा है। राज्य के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी ने अधिकांश सुपर स्पेशियलिटी विभागों में सर्जरी बंद कर दी है। कारण यह है कि अकेले आईजीएमसी का ही हिमकेयर में 70 करोड़ बकाया हो गया है। इसलिए दवाएं और सामान सप्लाई करने वाली कंपनियां और उधारी झेलने को तैयार नहीं हैं। यही वजह है कि कार्डियोलॉजी, कार्डियोथोरेसिक वैस्कुलर सर्जरी, सर्जरी और ऑर्थो जैसे बड़े विभागों में जहां स्टंट इत्यादि मेडिकल डिवाइस प्रयोग होते हैं, वहां अब नि:शुल्क सर्जरी बंद कर दी गई है। यदि पूरे प्रदेश की बात करें, तो हिमकेयर में 300 करोड़ से ज्यादा का बकाया बताया जा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने विधानसभा के बजट सत्र में कहा था कि 31 मार्च से पहले लंबित भुगतान कर दिया जाएगा, लेकिन यह भुगतान नहीं किया जा सका। राज्य सरकार ने नए वित्त वर्ष के बजट में हिमकेयर के लिए 300 करोड़ का प्रावधान तो किया है, लेकिन इससे ज्यादा पैसा पिछले साल का ही बकाया है। आईजीएमसी के चिकित्सा अधीक्षक डा. राहुल राव ने बताया कि हिमकेयर के तहत मरीजों को सिर्फ उपलब्ध दवाएं ही दी जा रही हैं।
यह योजना अस्पताल में दाखिल होने पर ही प्रभावित होती है, क्योंकि बकाया 70 करोड़ से ऊपर चला गया है, इसलिए सुपर स्पेशियलिटी विभागों में सर्जरी रोकनी पड़ी है। इस स्कीम में कुछ बदलाव की भी जरूरत है। आईजीएमसी ने सारा फीडबैक सरकार को दे दिया है।
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