बढ़े टैक्स से भडक़े टैक्सी आपरेटर, करेंगे आंदोलन

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शिमला, सुरेंद्र राणा: अचानक वाहनों का टैक्स बढ़ाने से हिमाचल के टैक्सी आपरेटर भडक़ गए हैं। टैक्सी आपरेटरों का कहना है कि प्रदेश सरकार और परिवहन विभाग ने टैक्सी आपरेटरों के सालाना टैक्स की दरों में बढ़ौतरी की है। शिमला के टैक्सी आपरेटरों का कहना है कि सरकार और विभाग ने टैक्सी मालिकों को गुमराह किया और धोखा कर गुपचुप तरीके टैक्स बढ़ा दिया है। गत माह विभाग ने दावा किया था कि किसी भी प्रकार की टैक्स वृद्धि नहीं की गई है। आपरेटरों ने कहा कि टैक्स बढऩे की जानकारी उस समय पता चला, जब टैक्सी आपरेटर ने ऑनलाइन टैक्स जमा करवा रहे थे। ऑनलाइन टैक्स जमा करवाने पर टैक्सी आपरेटरों को पहले के मुकाबले अधिक टैक्स की राशि दर्शाई जा रही है।

कमेटी के पदाधिकारियों ने बताया कि 6+1 गाडिय़ों को सालाना टैक्स पहले 4400 रुपए था, लेकिन अब जब टैक्सी जमा करवा रहे हैं, तो 7140 टैक्स बन रहा है। ऑल कामर्शियल व्हीकल ज्वाइंट एक्शन कमेटी हिमाचल प्रदेश के चेयरमैन राजेंद्र ठाकुर ने बताया कि अगर सरकार और प्रशासन टैक्सी गाडिय़ों की टैक्स वृद्धि वापस नहीं लेते हैं, तो वह सडक़ों पर उतरकर आंदोलन करेंगे। वहीं परिवहन विभाग के निदेशक डीसी नेगी का कहना है कि पहले आबकारी विभाग में वाहनों का पैसेंजर एंड गुडस टैक्स वाहन के इंजन के सीसी हिसाब से लिया जाता था। परिवहन विभाग द्वारा अब वाहनों का स्पेशल रोड टैक्स सीट के हिसाब से लिया जा रहा है।

5+1 वाहनों पर 221 रुपए प्रति माह के हिसाब से टैक्स बढ़ा है। 6+1 वाहनों पर 288 और 7+1 वाहनों पर 21 रुपए, 8+1 पर 88 रुपए प्रतिमाह टैक्स बढ़ा है। 9+1 वाले वाहनों पर 900 रुपए प्रतिमाह टैक्स कम हुआ है। उन्होंने बताया कि मंत्रीमंडल की बैठक में अनुमति मिलने के बाद ही टैक्स बढ़ाया गया है।

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