शिमला, सुरेंद्र राणा: हिमाचल प्रदेश वाटर सेस अधिनियम को प्रदेश हाईकोर्ट में खारिज करते हुए इसे असांविधानिक करार दिया है। अधिनियम के विरोध में 40 जल विद्युत कंपनियां कोर्ट गई थीं। कंपनियों की ओर से दायर याचिकाओं पर प्रदेश उच्च न्यायालय ने यह फैसला दिया है। वरिष्ठ वकील रजनीश मानिकतला ने इसकी जानकारी दी।
उनके अनुसार हाईकोर्ट ने वाटर सेस आयोग का गठन राज्य विधानसभा के अधिकार क्षेत्र से बाहर बताया। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने यह फैसला दिया है। बता दें, प्रदेश में चालू बिजली परियोजनाओं पर राज्य सरकार ने वाटर सेस लगाया था। सुक्खू सरकार का वाटर सेस से 2500 करोड़ राजस्व का लक्ष्य था। सरकार अब फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकती है।
+ There are no comments
Add yours