केंद्र की योजनाओं पर अपना ठप्पा और बिना धन आबंटन की घोषणाएं यही है बजट का सार: धूमल

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शिमला, सुरेंद्र राणा: प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तुत किए गए बजट पर प्रतिक्रिया स्वरूप यह शेर बोलते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि दिन-रात प्रदेश के खाली खजाने की दुहाई देने वालों द्वारा प्रस्तुत किया गया यह बजट कहीं प्रदेश के इतिहास में मात्र घोषणाओं का बजट बनकर ही न रह जाए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की योजनाओं पर अपना ठप्पा लगाकर उसे नया नाम देकर प्रदेश में लागू करने की घोषणा और बिना किसी धन आवंटन के जनता को खूबसूरत घोषणाओं के सब्ज़बाग दिखाना केवल यही मात्र प्रदेश सरकार के बजट का सार है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सत्ता में आते ही जिस सरकार ने सैकड़ो शिक्षण संस्थान ही बंद कर दिए अब वही पढ़ो हिमाचल की घोषणा कर रही है। बच्चों को पढ़ने के लिए दूर न जाना पड़े इसलिए शिक्षण संस्थान खोले गए थे जिनको इस सरकार ने यह कह कर बंद कर दिया था कि खज़ाना खाली है और अब वही बोल रहे हैं कि स्कूल आने जाने की व्यवस्था करेंगे। सत्ता सम्भालने के बाद हजारों का रोजगार छीन लिया और अब बोल रहे हैं नौकरी देंगे।

जब कांग्रेस सत्ता में आई तो आते ही भाजपा सरकार द्वारा चलाई गई जनकल्याण की योजनाओं को बंद कर दिया अब चुनाव सामने देख उन्ही योजनाओं को नया नाम देकर आक्रोशित जनता को शांत करने का प्रयास कर रहे हैं। पहले अस्पतालों में चल रही मुफ्त लैबोरेटरीयों को बंद कर दिया अब बोल रहे इंटीग्रेटेड लैब्स खोलेंगे। पहले हिमकेयर कार्ड , जिससे लाखों लोगों को 1800 बीमारियों का मुफ्त में ईलाज मिलता था वो बंद कर दिया अब हेल्थ कार्ड बनाने की बात कर रहे हैं। वरिष्ठ नागरिकों को पहले ही जिन योजनाओं से लाभ दिया जा रहा था अब उनको नया नाम दिया गया है।

केंद्र सरकार की योजनाओं को अपना नाम देकर जनता को बेवकूफ बनाने का प्रयास किया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर बनाने के लिए पैसे केंद्र सरकार देती है। कामगारों के लिए मनरेगा के तहत पैसा केंद्र सरकार भेजती है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार को सत्ता में बैठे हुए एक साल से अधिक हो चुका है और प्रदेश की जनता ने भली भांति सरकार की मंशा उनके काम करने के तरीके से समझ ली है। लोकसभा चुनाव सामने देखकर अब वही सरकार लुभावने सब्ज़बाग बजट में दिखाने का प्रयास कर रही है जो पिछले 1 वर्ष से खजाना खाली होने की दुहाई दे रही थी। जनकल्याण और विकास की बातें कहीं नहीं थी लेकिन अपने लिए सरकार के पास कोई कमी नहीं थी। बिना किसी धन प्रावधान के की गई घोषणाओं का यह बजट लोकसभा चुनाव के दृष्टिगत जनता को भ्रमित करने का प्रयास है जो इस सरकार की किसी काम नहीं आएगा।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में की गई इन घोषणाओं को पूरा करने के लिए पैसा कहां से आएगा यह बात कहीं भी नहीं है। बजट में प्रदेश को मजबूत करने के लिए संसाधन जुटाने और बचत करने की बात भी कहीं भी नहीं है। कहीं चुनावी गारंटियों की तरह यह बजट भी खाली घोषणाएं होकर न रह जाए।

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