शिमला, सुरेंद्र राणा: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट से हर वर्ग को उम्मीदें हैं। उनका यह लगातार दूसरा बजट होगा, जिसमें लोकसभा चुनाव से पहले उनके पिटारे से कई सौगातें मिलने की उम्मीद है। इस बार बजट के 55 हजार करोड़ रुपए के आसपास रहने की संभावना है। बजट में प्रदेश को आर्थिक बदहाली से बाहर निकालने के लिए रोडमैप आ सकता है। इसके अलावा कर्मचारी, पैंशनर, दैनिक वेतनभोगी, युवा बेरोजगार व महिलाओं के साथ किसान-बागवान आस लगाए बैठे हैं। हालांकि प्रदेश के जिस तरह के वित्तीय हालात हैं, उसमें किसी तरह के बड़े करिश्मे की उम्मीद नहीं की जा सकती। मौजूदा समय में बजट की आधी राशि वेतन व पैंशन पर खर्च हो रही है। ऐसे में विकास कार्यों के लिए धन जुटाना टेड़ी खीर होगी। मुख्यमंत्री ने प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए चरणबद्ध तरीके से प्रयास करने की बात कही है। इसको देखते हुए आर्थिक संसाधन जुटाने के लिए मुख्यमंत्री कोई बड़ी घोषणा कर सकते हैं।
दिहाड़ी के साथ विधायक निधि बढ़ने की संभावना
बजट में श्रमिक वर्ग को राहत प्रदान करने के लिए न्यूनतम दिहाड़ी को बढ़ाया जा सकता है। इसी तरह विधायक क्षेत्र विकास निधि को भी बढ़ाने का प्रस्ताव आ सकता है।
ग्रीन एनर्जी एवं वंचित वर्ग पर ध्यान
मुख्यमंत्री के बजट में ग्रीन एनर्जी के साथ वंचित वर्ग पर अधिक ध्यान केंद्रित किया जा सकता है। इससे प्रदेश को 31 मार्च, 2026 तक हरित राज्य बनाया जा सकता है। बजट में निवेश को बढ़ावा देने के साथ पर्यटन विकास के लिए भी प्रभावी पग उठाए जा सकते हैं।
मुख्यमंत्री व वित्त विभाग की टीम रात तक डटे रहे
विधानसभा में बजट प्रस्तुत करने से पहले मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू देर रात तक डटे रहे। इसके अलावा वित्त एवं योजना विभाग की टीम मुख्यमंत्री के साथ डटी रही।
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