शिमला, सुरेंद्र राणा: पैंशनर्स एसोसिएशन खंड रामपुर के जोन गानवी पंद्रह-बीश के पैंशनरों की बैठक गानवी रेस्ट हाऊस में आयोजित की गई। इस की अध्यक्षता जोन अध्यक्ष जीवन नेगी द्वारा की गयी! इस अवसर पर जोन प्रभारी विनोद नेगी, महासचिव खंड रामपुर अमोलक राम, जोन सचिव धर्म सैन मेहता, कोषाध्यक्ष सैज राम और कार्यकारिणी के कई सदस्य विशेष रूप से उपस्थित रहे।
बैठक में पैंशनरों ने डीए की किस्तों को जारी करने की मांग की। बैठक में 80 प्रतिशत देनदारियों का भुगतान करने की मांग की गई।
जो 2016 के बाद रिटायर हुए पैशनरों को ग्रेच्युटी, लीव एन कैशमैन्ट, पैशन, वेतन के एरियर के रूप में सरकार ने पैशनरों को देना है। पैशनरों का कहना है कि सरकार पैसे न होने का बहाना बना रही है। जिस पर बैठक में पैन्शनरों ने भाग लेते भारी रोष जनवरी तक सरकार की तरफसे कुछ मिलने की आशा रखीं है, यदि सरकार कुछ भी घोषणा नही करती, तो पैंशनरो ने 1 फरवरी के बाद धरने पर उतरने का निर्णय लिया।
2016 से पहले रिटायर हुए पैंशनरों के पुनः पैन्शन निर्धारण के मामले भी एजी शिमला में लटके पड़े है। जिसे निपटाने में सरकार जानबूझ कर देरी करवा रही हैं। फैमिली पेंशनरों के उतराधिकारी यो को नौकरी देने में भी सरकार का उदासीन रवैया है। पेंशनरों के प्रति सरकार बिलकुल भी गंभीर नहीं है। इसलिए पैशनरों ने लोकसभा चुनाव में सबक सीखाने का भी निर्णय लिया गया।
वहीं प्रदेश सचिवालय से रिटायर हुए अधिकारी व कर्मचारियों ने भी इसका समर्थन किया है और कहा है कि हाई कोर्ट से जीतने के बाद बाद भी ग्रेच्युटी और लीव एनकैशमेंट नहीं दे रहे हैं जबकि कई विभागों में 300 दिन की छुट्टियों का बढ़ा हुआ एरियर मिल चुका है। सचिवालय से रिटायर हुए अधिकारी कर्मचारियों को इससे वंचित रखा गया है। मामले में सरकार दोहरी नीति अपना रही है। सचिवालय, विधानसभा व कमिश्न से रिटायर हुए कर्मचारियों में इसको लेकर काफी रोष है इनका कहना है कि अगर ऐसा नहीं होता है तो वे 1 फरवरी से सचिवालय के बाहर धरने पर बैठ जाएंगे। उनका कहना है कि 2022 के बाद रिटायर हुए कर्मचारियों को सभी लाभ दिए जा रहे हैं और यहां तक कि कईयों को पुनः रोजगार भी दिया जा रहा है जो की सही नहीं है उन्होंने इसके प्रति भी अपना विरोध व्यक्त किया है।
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