पंजाब दस्तक: कांग्रेस पार्टी ने चुनावों के समय पांच लाख युवाओं को रोजगार देने की गारंटी दी थी, लेकिन पिछले एक साल में नाममात्र का ही रोजगार ही युवाओं को मिला है। चुनाव के समय कांग्रेस ने दावा तो यह किया था की पहली कैबिनेट में एक लाख युवाओं को रोजगार के द्वारा खुल जाएंगे लेकिन पूरे साल में भी यह आंकड़ा दूर तक नजर नहीं आया।
सरकार ने OPS तो दे दी लेकिन रोजगार देने का वादा कागजी ही है। हमीरपुर चयन आयोग को धांधलियों के आरोपों के चलते बंद कर दिया लेकिन इसे अब पूरी तरह फंक्शनल करना भूल गए हैं। प्रदेश में लाखों युवा सरकारी नौकरी हासिल करने के लिए दिन रात जागकर अपने परिवार के सपनों को साकार करने के लिए मेहनत की भट्टी में तपते हैं लेकिन मौजूदा सरकार वोट लेने के बाद वायदों को भूल गई हैं।
व्यवस्था परिवर्तन की सरकार ने अब दूसरे साल में स्थायी रोजगार के बजाय पीरियड के आधार पर 2600 गेस्ट शिक्षक लगाने की नीति लागू करने का युवा विरोधी फैसला लिया है। स्थायी आधार पर रोजगार दिया जाएगा तभी सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन योजना का भी लाभ मिल सकेगा।
यह सरकार एक तरफ तो नए शैक्षणिक सत्र में सभी सरकारी स्कूलों में इंग्लिश मीडियम की पढ़ाई शुरू करके शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के दावे कर रही है दूसरी तरफ पीरियड आधार पर दिहाड़ीदार शिक्षकों की भर्ती होने से शिक्षा की गुणवत्ता तथा जवाबदेही में भी गिरावट आएगी।
उधर पेंशनर बढ़ी हुई ग्रेच्युटी और अन्य मांगो को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाने को मजबूर है लेकिन सरकार के कान तक जूं नहीं रेंग रही है।
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