पंजाब दस्तक, सुरेंद्र राणा: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने 1993 में दिल्ली में हुए बम धमाके के दोषी दविंदर पाल सिंह भुल्लर द्वारा समय पूर्व रिहाई की मांग वाली याचिका की वैधता पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि जब धमाका और सजा दिल्ली में हुई है तो पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में यह याचिका कैसे वैध है। इस याचिका पर इससे पहले दिल्ली सरकार ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के क्षेत्राधिकार पर आपत्ति जताई थी।
दविंदर पाल सिंह ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए बताया कि उसे 1993 में दिल्ली में हुए बम धमाके के लिए वर्ष 2011 में दिल्ली की अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। इसके बाद 2014 में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई में देरी, स्वास्थ्य कारणों के चलते, सिख संगठनों व एसजीपीसी के प्रयासों के बाद याची की फांसी को उम्रकैद में बदल दिया था। भुल्लर पहले तिहाड़ जेल में बंद था, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से एक विशेष व्यवस्था के तहत उसे 2015 में ही पंजाब की अमृतसर जेल में भेज दिया गया था। इसके बाद याची ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, लेकिन वहां से भी उसे कोई राहत नहीं मिली।
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