पंजाब दस्तक, सुरेंद्र राणा; सतलज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर के मुद्दे पर पंजाब की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर किए गए हलफनामे पर मचा सियासी बवाल अभी ठंडा भी नहीं हुआ है कि विपक्ष ने पराली जलाने के मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश शुरू कर दी है। राज्य सरकार ने इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में धान के विकल्प के तौर पर फसली विविधता को बढ़ावा देने का सुझाव रखा। इस पर कांग्रेस, भाजपा और शिअद ने मुख्यमंत्री भगवंत मान पर आरोप लगाया है कि उनकी सरकार धान पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बंद करवाकर अन्य फसलों के नाम पर किसानों को धोखा दे रही है। इसके लिए विपक्ष ने मूंग की फसल पर एमएसपी का हवाला भी दिया है।
पंजाब कांग्रेस प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने एक बयान में मुख्यमंत्री भगवंत मान की आलोचना करते हुए कहा कि पंजाब के एजी ने सुप्रीम कोर्ट में पराली जलाने के उपाय के रूप में धान के एमएसपी को खत्म करने का प्रस्ताव दिया है। वहीं, शिअद के सीनियर नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि भगवंत मान सरकार ने धान पर एमएसपी बंद करने का सुप्रीम कोर्ट में सुझाव रखकर किसानों के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात किया है। पंजाब भाजपा के प्रधान सुनील जाखड़ ने ट्वीट किया कि धान के बजाय बाजरे की फसल को विकल्प बताकर मुख्यमंत्री ने नासमझी का परिचय दिया है।
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