शिमला, सुरेंद्र राणा: नगर निगम के महापौर और उपमहापौर के चुनाव की तिथि इसी सप्ताह तय हो सकती है। प्रदेश सरकार ने धर्मशाला, मंडी और सोलन उपायुक्तों को तैयारी करने के निर्देश दिए हैं। चारों नगर निगम में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। विधि विभाग की ओर से दी गई राय में महापौर और उपमहापौर के चुनाव में विधायकों को वोट डालने का अधिकारी राइट नहीं मिलेगा, चूंकि एक्ट में वोटिंग राइट का प्रावधान नहीं है। सरकार की ओर से स्थिति स्पष्ट होने के बाद महापौर और उपमहापौर की दौड़ में पार्षद नेताओं की शरण में हैं।
मंत्रियों, विधायक और वरिष्ठ नेताओं से मिलकर वे गोटियां फीट कर रहे हैं। धर्मशाला नगर निगम में महापौर की सीट इस बार महिला के लिए आरक्षित रहेगी। कोई भी महिला पार्षद महापौर के लिए दावा कर सकती है जबकि अन्य तीनों नगर निगम में महापौर के लिए सीट अनारक्षित है। हिमाचल में नगर निगम के चुनाव पार्टी चिह्न पर हुए हैं। मंडी और धर्मशाला में भाजपा, पालमपुर और सोलन में कांग्रेस के महापौर और उपमहापौर हैं। कांग्रेस और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की महापौर और उपमहापौर बनाने में अहम भूमिका रहेगी।
भाजपा सरकार ने बनाए थे चार नगर निगम
हिमाचल में पांच नगर निगम हैं। राजधानी शिमला अंग्रेजों के जमाने से नगर निगम है। धर्मशाला, पालमपुर, मंडी और सोलन को पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में नगर निगम बनाया गया। भाजपा सरकार के कार्यकाल में ही इन चारों नगर निगमों में चुनाव हुआ। धर्मशाला और मंडी में भाजपा काबिज है, जबकि सोलन और पालमपुर में कांग्रेस ने कब्जा जमाया है। वहीं नगर निगम शिमला का चुनाव कांग्रेस पार्टी के सत्ता में रहते हुए ही हुआ है। यहां कांग्रेस बहुमत में है।
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