पंजाब दस्तक, सुरेंद्र राणा: पंजाब विधानसभा में शुक्रवार को दो दिवसीय विशेष सत्र स्थगित करने के कुछ मिनट बाद ही कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां के कमरे के बाहर धरना शुरू कर दिया। नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने आरोप लगाया कि विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां द्वारा अचानक सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने से साफ हो गया कि पंजाब सरकार की ओर से बुलाया यह दो दिवसीय सत्र अवैध था।
बाजवा ने मांग की है कि विस अध्यक्ष यह स्पष्ट करें कि राज्यपाल के एतराज के बावजूद शुक्रवार को बुलाया गया सत्र कानूनी था या गैरकानूनी। उन्होंने इस सत्र को निरर्थक और पंजाब के खजाने की बर्बादी करार दिया। बाजवा ने कहा कि आप सरकार अब राज्यपाल के उस पत्र के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की योजना बना रही है, जिसमें उन्होंने सत्र को अवैध बताया है। अगर सरकार को यह मामला सुप्रीम कोर्ट ही ले जाना था तो सदन का सत्र क्यों बुलाया?
अवैध सत्र बुलाकर सरकार ने बर्बाद कर दिए 70 लाखः वड़िंग
एक सवाल के जवाब में बाजवा ने कहा कि हमने सत्र का बहिष्कार नहीं किया क्योंकि हम पंजाब से संबंधित मुद्दों पर रचनात्मक चर्चा की उम्मीद कर रहे थे लेकिन सरकार ने अवैध सत्र बुलाकर पंजाब के लोगों के लाखों रुपये बर्बाद कर दिए जबकि मुख्यमंत्री पंजाब का एक पैसा बचाने की बात करते हैं। पंजाब कांग्रेस प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने कहा कि सरकार ने अवैध सत्र बुलाकर पंजाब के लोगों के 70 लाख रुपये बर्बाद कर दिए। हम सदन में विधानसभा अध्यक्ष से पूछते रहे कि बताया जाए कि सत्र अवैध है या वैध लेकिन इस पर सरकार का रवैया ठीक नहीं था। सदन में विस अध्यक्ष ने कहा कि सत्र वैधानिक है लेकिन अगर सत्र वैधानिक था तो सरकार ने विधेयकों को पारित क्यों नहीं किया गया?
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