शिमला, सुरेंद्र राणा: 30 सितंबर से जिला परिषद कर्मचारी हड़ताल पर थे और लगातार पंचायती राज विभाग में मर्जर की मांग कर रहे थे इसको लेकर प्रदेश सरकार और कर्मचारियों के बीच टकराव देखने को मिल रहा था जिसके बाद अब सरकार ने कड़ा फैसला लेते हुए हड़ताल पर बैठे 167 कर्मचारियों के बर्खास्त करने के आदेश जारी किए हैं और इसी के साथ आउटसोर्स पर भर्ती के निर्देश भी दे दिए। इसको लेकर पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि प्रदेश आपदा के दौर से उबर रहा है ऐसे में राहत और पुनर्वास के कार्यों में बाधा आ रही है जिसके चलते विभाग को यह कड़ा फैसला लेना पड़ा है। उन्होंने भाजपा पर जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों को भड़काने के आरोप भी लगाए हैं।
पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि लंबे समय से यह कर्मचारी हड़ताल पर थे और सरकार इन कर्मचारियों की मांगों को लेकर गंभीर भी है। उन्होंने कहा कि पहला कदम उठाते हुए सरकार ने इन्हें स्टेट कैडर में लाने का काम किया और उनकी बाकी मांगों को लेकर भी सरकार चिंतित है लेकिन प्रदेश आपदा के दौर से जूझ रहा है और वर्तमान में यह स्थिति नहीं है कि इन कर्मचारियों को सभी बेनिफिट दिए जा सके ऐसे में डिपार्टमेंट ने कड़ा फैसला लेते हुए हड़ताल पर बैठे 167 कर्मचारियों को बर्खास्त किया है और साथ ही आउटसोर्स पर 1 साल के लिए कर्मचारियों को रखने की प्रक्रिया को भी शुरू करने को कहा है।
इस दौरान अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि उन्हें ज्ञात हुआ है कि कुछ लोग वापस ज्वाइन करने की इच्छा जता रहे हैं तो सरकार उनका स्वागत करती है। इस मौके पर अनिरुद्ध सिंह ने हड़ताल पर बैठे और कर्मचारियों से भी हड़ताल खत्म करने की अपील की।
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