शिमला, सुरेंद्र राणा: राजधानी के मंदिरों में नवरात्र की तैयारियां जोरों-शोरों से चली रही हैं। मंदिरों में रंग-रोगन और सजावट की जा रही है। इस वर्ष नवरात्र 15 से 24 अक्तूबर तक चलेंगे। नौ दिन माता के नौ स्वरूपों की पूजा होगी। श्रद्धालु मनोकामना, सुख-समृद्धि के लिए नौ दिन पूजा- अर्चना करेंगे और उपवास रखेंगे।
वैसे तो मां दुर्गा सिंह की सवारी करती है लेकिन जब नवरात्रि में धरती पर आगमन होता है तो उनकी सवारी बदल जाती है। माता के आगमन की सवारी नवरात्रि के पहले दिन पर निर्भर करती है और जिस दिन विदा होती है उस दिन के आधार पर प्रस्थान की सवारी तय होती है।
कालीबाड़ी मंदिर के पुजारी मुक्ति चक्रवर्ती ने बताया कि इस बार दुर्गा मां का आगमन घोड़े पर सवारी से होगा और प्रस्थान भी घोड़े की सवारी से ही होगा। उन्होंने बताया कि घोड़े पर आगमन और प्रस्थान होना अशुभ संकेत है।
इससे सामाजिक और राजनीतिक अस्थिरता रहेगी। विश्व में युद्ध का माहौल बनेगा। गज पर सवारी करने से शुभ संकेत होते हैं। उन्होंने बताया कि माता दुर्गा की वार के अनुसार नवरात्रि में झूला, नौका, गज, घोड़े की सवारी होती है।
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