पंजाब में एसवाईएल पर गरमाई सियासत, शिअद और कांग्रेस ने आप सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

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पंजाब दस्तक, सुरेंद्र राणा: सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर के निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ताजा टिप्पणी के बाद पंजाब में इस मुद्दे पर राजनीति गरमा गई है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने जहां इस मुद्दे पर राज्य की आप सरकार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के साथ ही सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की। वहीं शिअद ने कहा है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने नदी जल मामले पर पंजाब के दावों के बारे में डेथ वारंट पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। पार्टी ने कहा कि पंजाबी और अकाली दल किसी भी कीमत पर राज्य के नदी जल को हरियाणा को सौंपने की अरविंद केजरीवाल की साजिश को सफल नहीं होने देगी।

पंजाब भाजपा के प्रधान सुनील जाखड़ ने कहा कि पंजाब के पास किसी को भी देने के लिए एक बूंद पानी नहीं है। कांग्रेस के सीनियर नेता और नेता प्रतिपक्ष प्रताप बाजवा ने कहा है कि इस गंभीर मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री भगवंत मान को तुरंत सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए। बाजवा ने कहा कि इस एजेंडे पर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाना चाहिए ताकि आगे की रणनीति तय की जा सके।

एसवाईएल नहर के निर्माण के लिए कदम नहीं उठाने पर सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की है कि पंजाब को इस प्रक्रिया में सहयोग करना होगा। ऐसा लगता है कि आम आदमी पार्टी मजबूत कानूनी तर्कों के साथ पंजाब के नदी जल पर पंजाब के अधिकारों की रक्षा करने में विफल रही है।

पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने एसवाईएल के लिए पंजाब में जमीन का सर्वेक्षण करने संबंधी सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पंजाब के पास किसी को देने के लिए अतिरिक्त पानी नहीं है, इसलिए सर्वे कराने का सवाल ही नहीं उठता। पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजिंदर कौर भट्ठल ने कहा कि पंजाब सरकार इस मामले को लेकर गंभीर नहीं है। इससे पहले भी आम आदमी पार्टी का इस मुद्दे पर दोहरा रवैया रहा है।

शिअद ने आरोप लगाया है कि भगवंत मान ने नदी जल मामले पर पंजाब के दावों को लेकर डेथ वारंट पर हस्ताक्षर कर दिए हैं और पंजाब में एसवाईएल के निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट में मुख्यमंत्री के रूप में अपनी जल्दबाजी आधिकारिक तौर पर व्यक्त कर दी है। पार्टी ने ट्वीट कर कहा कि भगवंत मान ने यह स्वीकार कर कम से कम सच बोला कि केवल विपक्ष (शिरोमणि अकाली दल) ही उन्हें एसवाईएल के निर्माण से रोक रहा है।

उन्होंने शीर्ष अदालत से एसवाईएल के लिए किसानों से जमीन हड़पने का भी वादा किया है, जिसे प्रकाश सिंह बादल पहले ही किसानों को लौटा चुके हैं। शिअद के सीनियर नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने शीर्ष अदालत में इस विवाद को किसानों की पीठ में छुरा घोंपने जैसा करार देते हुए कहा कि हम एसवाईएल नहर के निर्माण का विरोध करते हैं, जिसका निर्माण केवल हमारी लाशों पर किया जाएगा। हम आप सरकार को चुनौती देते हैं कि यह बात सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचाए। पंजाबी और अकाली दल किसी भी कीमत पर राज्य के नदी जल को हरियाणा को सौंपने की अरविंद केजरीवाल की साजिश को कभी सफल नहीं होने देंगे।

 

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