पंजाब: खुद को हरियाणा का मुख्य सचिव व इंस्पेक्टर बताकर इमीग्रेशन और ट्रांसपोर्ट कंपनी चलाने वाले ठग की निशानदेही पर पुलिस ने शुक्रवार को दो और शातिरों को गिरफ्तार किया। आरोपी अब तक 35 करोड़ रुपये की ठगी कर चुके हैं। शुक्रवार को पकड़े गए दो आरोपियों की पहचान राहुल (35) निवासी बिलासपुर (हिमाचल प्रदेश) और रवि मिश्रा (27) निवासी छपरा (बिहार) के रूप में हुई है। पुलिस ने आरोपियों से 50.40 लाख रुपये की नकदी बरामद की है।
पुलिस ने आरोपियों से 99 ग्राम सोना, 45 बोर की पिस्टल, 315 बोर की राइफल, पंजाब पुलिस के इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी के दो फर्जी आईडी कार्ड, हरियाणा के होम सेक्रेटरी का फर्जी आईकार्ड, विदेश के पांच जाली ड्राइविंग लाइसेंस, 40 फर्जी वीजा स्टिकर, कनाडा पीआर के 20 सर्टिफिकेट, सरबजीत सिंह संधू के नाम पर तीन फर्जी और एक असली पासपोर्ट, विधानसभा के पांच स्टिकर, जाली वीजा स्टीकर के साथ 60 जाली पासपोर्ट बरामद किए हैं। इसे अलावा इनके पास से तीन गाड़ियां भी मिली हैं। इन गाड़ियों से पुलिस कमांडो की 10 वर्दियां, हरियाणा चीफ सेक्रेटरी का झंडा, पुलिस की लाल और नीली बत्तियों के साथ-साथ पायलट गाड़ी का झंडा भी बरामद हुआ है।
एसएसपी डॉ. संदीप गर्ग ने बताया कि आरोपी लोगों को विदेश भेजने के नाम पर पैसे वसूलते थे। उन्हें फर्जी पीआर सर्टिफिकेट देते थे। राहुल यह फर्जी कागजात तैयार करवाता था। इनके सेक्टर-82 और डेराबस्सी में दफ्तर हैं। वहां उन्होंने 70 लाख रुपये का फर्नीचर लगवा रखा है। आरोपी के देश के विभिन्न बैंकों में 61 खाते हैं।
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