शिमला, सुरेन्द्र राणा: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां कहा कि कुल्लू और मंडी जिलों में भारी बारिश और भू-स्खलन से सड़कें अवरुद्ध होने के कारण विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए लोगों को प्रदेश सरकार द्वारा हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि संबंधित जिला प्रशासन लोगों के लिए भोजन और अस्थायी शिविर की निःशुल्क सुविधा प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अवरूद्ध मार्गों को बहाल करने और स्थिति को सामान्य बनाने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मंडी-कुल्लू राष्ट्रीय राजमार्ग पंडोह के पास भारी भू-स्खलन के कारण क्षतिग्रस्त हुआ है और इस पर यातायात बहाल करने में काफी समय लगेगा। जिला प्रशासन मंडी द्वारा फंसे हुए लोगों को आश्रय, भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध करवाने के लिए पंडोह और औट में दो राहत शिविर स्थापित किए हैं। उन्होंने कहा कि बुधवार को इन राहत शिविरों में 800 से अधिक लोगों को भोजन के पैकेट वितरित किए गए। इसके अतिरिक्त 150 व्यक्तियों को कुल्लू जिले के बजौरा राहत शिविर में पका भोजन उपलब्ध करवाया गया।

ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि रेडक्रॉस सोसायटी सहित विभिन्न स्वयंसेवी संगठन और स्थानीय लोग भी ज़रूरतमंदों को भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुएं वितरित करने के लिए आगे आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी राहत शिविरों में उचित व्यवस्थाएं की गई हैं और लोगों को निःशुल्क भोजन, पानी और आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने आश्वस्त किया कि राज्य सरकार सभी फंसे हुए लोगों की तब तक देखभाल सुनिश्चित करेगी जब तक उन्हें सुरक्षित घर नहीं पहुंचा दिया जाता।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बरसात में बाढ़ एवं भू-स्खलन के कारण प्रदेशभर में जान-माल की भारी क्षति हुई है। आपदा में अभी तक 350 से अधिक लोगों की दुःखद मृत्यु हुई है और राज्य को 12000 करोड़ रुपये से अधिक की क्षति का अनुमान है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हर व्यक्ति की भलाई सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है और संकट की इस घड़ी में ज़रूरतमंदों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए चौबीसों घंटे अथक प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के लिए हर जान कीमती है और हर व्यक्ति की सुरक्षा सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने मलबा हटाने और बहाली के प्रयासों में तेज़ी लाने के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध करवाया है।

 

 

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