शिमला, सुरेंद्र राणा: हिमाचल प्रदेश में पेंशनभोगी अब जीवन प्रमाण फेस एप से ऑनलाइन जीवन प्रमाणपत्र जमा करवा सकेंगे। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने गुरुवार को बताया कि राज्य सरकार के पेंशनभोगियों के लिए जीवन प्रमाणपत्र जमा करवाने की प्रक्रिया और सरल की गई है। इसके लिए जीवन प्रमाण फेस एप के माध्यम से चेहरा पहचान तकनीक को शामिल करने का निर्णय लिया है। मुख्य सचिव ने कहा कि यह नवीनतम प्रयास पेंशनभोगियों को सुलभ सेवाएं उपलब्ध करवाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। पेंशनभोगी इस तकनीक के उपयोग से घर बैठे अपना जीवन प्रमाणपत्र जमा कर सकते हैं और उन्हें कार्यालयों में आने और लंबी कतारों में खड़े होने की आवश्यकता नहीं रहेगी।
यह प्रक्रिया अत्यधिक सुरक्षा भी सुनिश्चित करती है। इस पहल के तहत राज्य सरकार के पेंशनधारक अब आसानी से अपने चेहरे को बायोमीट्रिक रूप से सत्यापित कर सकते हैं और अपने एंड्राइड डिवाइस से बिना किसी परेशानी के अपना जीवन प्रमाणपत्र कोष विभाग के पास जमा करवा सकते हैं।
ऐसे इंस्टाल करें एप
कोष विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि इस सुविधा के लिए पेंशनधारकों को अपने एंड्राइड डिवाइस पर गूगल प्ले स्टोर से जीवन प्रमाण फेस एप और आधार फेस आरडी एप इंस्टाल करना होगा। इन एप के माध्यम से सत्यापन की विस्तृत जानकारी यूआरएल https://himkosh.hp.nic.in/treasuryportal/epension/epensionkhoj.asp पर भी उपलब्ध है। एप इंस्टाल करने के बाद सत्यापित करने के लिए पेंशनर को जीवन प्रमाण फेस एप में अपना आधार नंबर और मोबाइल नंबर डालना होगा। इसमें आधार से जुड़ा मोबाइल डालने की अनिवार्यता नहीं है और पेंशनधारक कोई भी मोबाइल नंबर डाल सकता है। सबमिट बटन पर क्लिक करने के बाद मोबाइल नंबर पर ओटीपी भेजा जाएगा और उसे एप में दर्ज करना होगा।
इसके बाद आधार में पूरा नाम, पेंशनभोगी का प्रकार, मंजूरी देने वाला प्राधिकरण (राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश), संवितरण एजेंसी (हिमाचल प्रदेश राज्य कोष), ट्रेजरी/उप ट्रेजरी (हिमाचल प्रदेश राज्य कोष) इत्यादि विवरण डालकर ऑनलाइन प्रमाण पत्र प्राप्त किया जा सकेगा। एप पर यह जानकारियां भरने पर पेंशनभोगी के चेहरे को स्कैन करने व पलकें-आंखें झपकाने का संदेश आएगा। एक बार तस्वीर सफलतापूर्वक कैप्चर हो जाने पर प्रमाण आईडी जेनरेट हो जाएगी और मोबाइल नंबर पर एसएमएस भी आएगा। यह प्रमाण पत्र स्वतः ही प्रदेश के ई-पेंशन पर आएगा जिसकी पुष्टि ई-पेंशन के माध्यम से एसएमएस के जरिये दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस पहल से पेंशनभोगियों की सुविधा बढ़ाने की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता भी प्रदर्शित होती है तथा आम आदमी को बेहतर सेवा प्रदान करने के लिए तकनीकी प्रगति का एक बेहतर उदाहरण है।
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