शिमला, सुरेंद्र राणा: इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) शिमला में स्क्रब टायफस के मामले आना शुरू हो गए हैं। अस्पताल में शुक्रवार को तीन मरीजों की टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई। अस्पताल में एक दिन में एक साथ एकाएक तीन मामले आने के बाद डॉक्टर सतर्क हो गए हैं। फिलहाल स्क्रब टायफस के तीनों मरीजों को चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया है।
बरसात के मौसम में स्क्रब टायफस के मामले ज्यादा आते हैं। आईजीएमसी के मेडिसिन विभाग के विशेषज्ञ चिकित्सकों का कहना है कि यह रोग एक जीवाणु रिकेटशिया से संक्रमित पिस्सू के काटने से फैलता है जो खेतों, झाड़ियों और घास में रहने वाले चूहों में पनपता है।
यह जीवाणु चमड़ी के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है और स्क्रब टायफस का बुखार पैदा करता है। जुलाई में एक दिन में एक साथ तीन नए मामले आए हैं तो इसको लेकर अब अस्पताल में हड़कंप मचा हुआ है। ओपीडी में बुखार और अन्य समस्या लेकर आए मरीजों के प्रति चिकित्सकों को खासा ध्यान देने के निर्देश प्रबंधन की ओर से जारी हुए हैं।
स्क्रब टायफस के लक्षण दिखे तो तुरंत करवाएं टेस्ट
अस्पताल में स्क्रब टायफस से संबंधित लक्षणों को लेकर अगर किसी मरीज में गंभीर लक्षण दिखते हैं तो ओपीडी में जाकर चिकित्सक से जांच करवाकर टेस्ट करवाएं। दवाओं का पर्याप्त स्टॉक वार्ड में भी उपलब्ध करवाया है। -डॉ. राहुल राव, वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक, आईजीएमसी
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