शिमला, सुरेंद्र राणा: हिमाचल प्रदेश में मानसून के साथ साथ वेस्टर्न डिस्टरबेंस सक्रिय होने से खूब तबाही हुई है। बारिश ने पहाड़ों पर सब तहस-नहस किया है। तीन दिन में ही 27 लोगों की जान चली गई है। प्रदेश में इससे 1299 सड़कें, 4000 से ज्यादा बिजली के ट्रांसफार्मर और 700 से ज्यादा पेयजल योजनाएं ठप पड़ी है। करीब चार हजार करोड़ की सरकारी व निजी संपत्ति तबाह हुई है
14 जुलाई से फिर एक्टिव होगा मानसून
राहत की बात यह है कि बीते 24 घंटे के दौरान ज्यादातर नदी-नालों में जलस्तर कम हो गया है। मौसम विभाग के अनुसार, आज भी कुछेक क्षेत्रों में बारिश का पूर्वानुमान है, लेकिन बीते चार दिनों की तरह भारी बारिश नहीं होगी। हालांकि 14 जुलाई से मानसून फिर एक्टिव होगा और 15 से 17 जुलाई तक ज्यादातर क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश के आसार बन रहे हैं।
आवाजाही पर पड़ा असर
वहीं सड़कें बंद होने से लोगों की आवाजाही पर बुरा असर पड़ा है। प्रदेश में पिछले तीन दिनों के दौरान लगभग 1800 रूटों पर परिवहन सेवाएं प्रभावित हुई हैं। आलम यह है कि प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में चार दिन से दैनिक उपभोग की खाद्य वस्तुएं दूध, दही, मक्खन, ब्रेड और सब्जियों आदि की सप्लाई भी नहीं पहुंच पाई।
रेल व हवाई सेवाएं भी ठप
सड़क के साथ साथ रेल व हवाई सेवाएं भी ठप पड़ी है। आधे हिमाचल में ब्लैकआउट की वजह से लोगों के मोबाइल चार्ज नहीं हो पा रहे। इससे पहाड़ों पर फंसे टूरिस्टों के परिजन उनसे संपर्क नहीं कर पा रहे। सड़कें बंद होने से लोग वापस अपने घरों को भी नहीं पहुंच पा रहे हैं।
इसे देखते हुए PWD ने सड़कों की बहाली का युद्ध स्तर पर काम शुरू कर दिया है। इसके लिए मौसम का साफ रहना जरूरी है। हालांकि पिछले कल एक-आध जगह को छोड़कर प्रदेश के अधिकांश भागों में बारिश नहीं हुई। इसी वजह से राहत एवं बचाव कार्य में तेजी आई है।
चंडीगढ़-मनाली NH को सिंगल लेन बहाल किया
कुल्लू जिला प्रशासन ने दावा किया कि चंडीगढ़-मनाली NH को सिंगल लेन बहाल कर दिया है, लेकिन बार-बार लैंडस्लाइड होने से यह फिर बंद हो रहा है। यही हाल कालका-शिमला फोरलेन का भी है। यह भी बार-बार लैंडस्लाइड के कारण अवरुद्ध हो रहा है। इसके अलावा राजधानी शिमला को लोअर हिमाचल से जोड़ने वाला NH भी घंडल में बैली ब्रिज क्षतिग्रस्त होने से ठप हो गया है। इसके बाद यहां भी अल्टरनेटिव सड़क से ट्रैफिक चलाया जा रहा है।
16 जुलाई तक कालका-शिमला रेल ट्रैक बंद
कालका-शिमला रेल ट्रैक 16 जुलाई तक बंद रहेगा। वहीं नंगल से अंब-दौलतपुर चौक तक लगातार चौथे दिन ट्रेनों के रूट रद्द रहे। इतिहास में ऐसा दूसरी बार हुआ, जब इतने लंबे समय तक ट्रेनों के रूट बंद रहे हों।