शिमला, सुरेंद्र राणा: प्रदेश के मजदूरों ने सुखविंदर सिंह सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मजदूरों का आरोप है कि प्रदेश की सुखविंदर सिंह सरकार मजदूरों का पैसा हड़पना चाह रही है। जिसके खिलाफ प्रदेश भर से निर्माण मजदूर शिमला में जुटे और रैली निकालकर सचिवालय पहुंचे। सचिवालय के बाहर सैंकड़ों मजदूरों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
सीटू फेडरेशन के राज्य अध्यक्ष जोगिंदर कुमार ने कहा कि राज्य कामगार कल्याण बोर्ड द्वारा मनरेगा, निर्माण व बीआरओ मज़दूरों के लाभ पिछले आठ महीनों से गैर कानूनी तरीके से रोक दिए गए है। जिसके बाद प्रदेशभर से सैकड़ों मनरेगा, निर्माण व बीआरओ मजदूर शामिल में पहुंचकर हल्ला बोला है। उन्होंने कहा कि बोर्ड से पंजीकृत मनरेगा, निर्माण व बीआरओ मज़दूरों की सहायता राशि बोर्ड के सचिव ने पिछले आठ महीने से गैर कानूनी तरीक़े से रोक कर रखी है जिससे साढ़े चार लाख मज़दूरों को मिलने वाली आर्थिक सहायता और पंजीकरण के लाभ रोक दिए गए हैं।
मजदूरों के कल्याण के लिए बनाए गए श्रमिक कल्याण बोर्ड से जो लाभ मिलते थे उन्हे रोक दिया गया है। 10 लाख से ज्यादा जो सरकारी काम होते हैं उनमें एक परसेंट सेस कटता है जो श्रमिक कल्याण बोर्ड में जाता है। उन्होंने कहा कि राज्य कामगार कल्याण बोर्ड में क़ानून के प्रावधानों के तहत मनरेगा, निर्माण व बीआरओ मज़दूरों का पंजीकरण हुआ है लेकिन इनके कानूनी लाभ अधिकारियों ने बोर्ड और सरकार की अनुमति के बिना ही रोक दिए हैं। इसी प्रकार कानून के विरुद्ध मज़दूर यूनियनों को रोज़गार प्रपत्र जारी करने और सत्यापित करने के अधिकार को भी समाप्त कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि यदि जल्दी ही मजदूरों के रुके हुए आर्थिक लाभों को बहाल नहीं किया जाता है तो पंचायत व ब्लॉक स्तर पर आंदोलन तेज होगा।
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