पंजाब दस्तक, सुरेंद्र राणा: चंडीगढ़ प्रशासन महिलाओं की सुरक्षा के प्रति और गंभीर हो गया है। अब कामकाजी महिलाओं को बिना सुरक्षाकर्मी के कंपनियां रात में उन्हें घर से ला और पहुंचा (पिक एंड ड्रॉप) नहीं पाएंगी। खास बात यह है कि देर रात महिलाओं को उनके घर तक छोड़ने की स्थिति में चलती सड़क होने पर सुरक्षाकर्मी को उन्हें घर तक सुरक्षित छोड़ना होगा और बाकायदा उनके पहुंचने की पुष्टि भी करनी होगी।
चंडीगढ़ के उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने धारा-144 के तहत शहर में संचालित सभी बीपीओ के लिए ये निर्देश जारी किया है। बता दें कि चंडीगढ़ और आसपास के इलाकों में कॉल सेंटर, कॉरपोरेट हाउस, मीडिया हाउस, कंपनी, संगठन और फर्म के नाम से पहचाने जाने वाले बीपीओ तेजी से बढ़ रहे हैं, जो युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान कर रहे हैं। पड़ोसी राज्यों के विभिन्न हिस्सों की महिलाओं सहित अन्य कर्मचारी शहर के विभिन्न हिस्सों और आसपास के शहरों और गांवों में रह रहे हैं।
नियोक्ता उन्हें उनके ठहरने के स्थानों से कार्यालय और वापस लाने के उद्देश्य से कैब सेवाएं प्रदान करते हैं। चूंकि ये संगठन 24 घंटे काम कर रहे हैं, इसलिए कैब देर रात भी कर्मचारियों को ले जा रही हैं। इन कैब को अनुबंध पर पर लिया जाता है। कर्मचारियों की सुरक्षा और सुरक्षित परिवहन को सुनिश्चित करने के लिए उनके ऑपरेटरों और ड्राइवरों की ठीक से निगरानी नहीं की जाती है, जिसके परिणामस्वरूप मानव जीवन, कर्मचारियों की सुरक्षा और विशेष रूप से महिला कर्मचारियों को गंभीर खतरा होता है। यह देखने में आया है कि कुछ अपराधी और असामाजिक तत्व विशेष रूप से विषम समय के दौरान आसान लक्ष्य तलाशते हैं।
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