शिमला, सुरेंद्र राणा: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला की संकरी सड़कों पर ट्रैफिक प्रबंधन करना सबसे बड़ी चुनौतीपूर्ण कार्यों में से एक है. खासकर गर्मियों के मौसम में टूरिस्ट सीजन आते ही ट्रैफिक जाम की समस्या शिमला में विकराल हो जाती है. इस समस्या को कम करने के लिए शिमला पुलिस ने 1 मिनट ट्रैफिक प्लान तैयार किया है। ट्रैफिक को कंट्रोल करने के लिए शहर को 7 सेक्टर्स में बांटा गया है साथ ही 24 सबसेक्टर्स बनाए गए है ताकि शहर में ट्रैफिक ज्यादा न लगे।
शिमला के एसपी संजीव गांधी ने कहा कि आम जनता को ट्रैफिक की समस्या से निजात दिलाने के लिए वन मिनट ट्रैफिक प्लान की शुरुआत की गई है.प्लान के तहत गाड़ियों 40:20, 30:30 और 20:40 सेकंड्स के अनुपात में रोका और छोड़ा जाएगा. यह प्लान कहीं ना कहीं शहरों के रेड लाइट प्लान की तरह है. मीडियम फ्लो में ट्रैफिक को 40:20 के फार्मूले के तहत 40 सेकंड के लिए गाड़ियां रुकेंगी और फिर 20 सेकंड के लिए छोड़ी जाएंगी. ट्रैफिक सामान्य होने पर 30-30 सेकंड की मूवमेंट रहेगी. इसी तरह ज्यादा गाड़ियों का फ्लो होने पर 20 सेकंड का हॉल्ट रहेगा और 40 सेकंड के लिए फिर ट्रैफिक चालू होगा। उन्होंने कहा कि ट्रैफिक को कंट्रोल करने के लिए शहर को 7 सेक्टर्स में बांटा गया है साथ ही 24 सबसेक्टर्स बनाए गए है ताकि शहर में ट्रैफिक ज्यादा न लगे।
उन्होंने कहा कि यात्रियों का समय बचाने की यह पहल शुरू हुई है और पहले से व्यवस्था थोड़ी सुधरी है. एसपी का कहना है कि लक्कड़ बाजार से विक्ट्री टनल पर ट्रैफिक की समस्या पर ज्यादा फोकस है. पूरे सोच-विचार के साथ प्लान बनाया गया है. प्लान का मुख्य उद्देश्य है कि लोगों का वक्त बचे. लोग समय के साथ गंतव्य तक पहुंचे, यही कोशिश है. इसकी वजह से शिमला में वाहनों की वजह से होने वाला पॉल्यूशन भी कम होगा।
शिमला में ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने के लिए एसपी संजीव गांधी खुद कई बार सड़कों पर उतर रहे है और ‘वन मिनट ट्रैफिक प्लान’ का जायजा लिया जा रहा है। इस दौरान बस चालकों, यात्रियों और वाहन चालकों से एसपी खुद से बात कर रहे है।
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