शिमला, सुरेंद्र राणा: राजोरी के कांडी जंगल में आतंकियों के बिछाए आईईडी धमाके में शहीद हुए हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के शिलाई गांव के पैराट्रूपर प्रमोद नेगी (26) को हजारों नम आंखों ने शनिवार को अंतिम विदाई दी।
माता तारा देवी ने अपने लाल को दूल्हे की तरह नोटों का हार पहनाकर, पिता देवेंद्र नेगी ने गले लगाकर, बहन मनीषा नेगी ने राखी बांध और सेना में तैनात छोटे भाई ने सैल्यूट कर शहीद प्रमोद को अंतिम विदाई दी।
शाम 6:45 बजे के आसपास वीर सपूत मां भारती की गोद में समा गया। पुलिस व सेना की टुकड़ियों ने शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया। प्रमोद आजादी के ही दिन 15 अगस्त 1997 को जन्मे थे।
शहीद बेटे प्रमोद नेगी के इंतजार में पिछले 29 घंटे से माता तारा देवी और पिता देवेंद्र नेगी ने पलक भी नहीं झपकी थी। घर पर माता-पिता और बहन मनीषा नेगी के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे, तो सेना में तैनात छोटे भाई जवान नितेश नेगी शुक्रवार से ही पार्थिव देह से लिपट-लिपटकर रो रहे थे।
राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि के दौरान हजारों लोगों की आंखें नम थीं। शनिवार को शहीद के सम्मान में शिलाई बाजार भी बंद रखा गया। शहीद की शहादत पर समूचे गिरिपार में शोक की लहर तो है, लेकिन इलाके के लाखों ग्रामीणों का सीना फख्र से भी चौड़ा हो गया है। समूची शिलाई घाटी प्रमोद नेगी अमर रहे के नारों से गूंज उठी।
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