पंजाब दस्तक, सुरेंद्र राणा: पंजाब में सरकारी विभागों पर करीब 2600 करोड़ का बिजली का बिल बकाया है। इन बिलों की अदायगी लंबे समय से नहीं हो रही है। इस लीकेज को रोकने के लिए फरवरी में पावरकॉम ने 53 हजार सरकारी दफ्तरों में बिजली कनेक्शनों को प्रीपेड स्मार्ट मीटर में बदलने के आदेश दिए थे।
पहले इसके लिए 1 मार्च का अल्टीमेटम दिया गया था, जिसे बढ़ाकर 31 मार्च कर दिया गया, इसके बावजूद अब तक 5 जोन में महज 10 हजार मीटर ही सरकारी दफ्तरों में लग पाए हैं। भास्कर ने जब इसकी वजह जाननी चाही तो पता चला कि प्री-पेड स्मार्ट मीटरों को लगाने में खुद सरकारी विभाग ही रुचि नहीं दिखा रहे।
क्योंकि प्री-पेड मीटर के रिचार्ज को लेकर असमंजस है। सरकारी महकमों के अधिकारियों का कहना है कि रिचार्ज सरकार कराएगी, इसके लिए बजट कहां से आएगा स्थिति स्पष्ट नहीं है। उल्लेखनीय है कि ज्यादातर विभाग बिल अदा न करने पर बिजली सप्लाई भी काटने नहीं देते। दूसरी तरफ, किसान भी इस योजना का विरोध कर रहे है। क्योंकि उन्हें शक है कि आगे चलकर किसानों को फ्री में मिलने वाली बिजली भी बंद हो जाएगी।
मीटर न लगवाने की वजह…
1.पेंडिंग बिल: लगभग सभी सरकारी दफ्तरों का बिजली का बिल बकाया है। पुराना मीटर उतारने व नया मीटर लगाने की फोटो ऑनलाइन अपलोड की जाती है। कितना बिल बकाया है, डिफाल्टर हैं या नहीं, यह रिपोर्ट दी जाती है।
2.रिचार्ज बजट: प्री-पेड स्मार्ट मीटर का रिचार्ज 1 से 5 हजार तक करवाना होगा। बिल महीने के अंत में अदा होता है, प्री-पेड का रिचार्ज पहले करवाना होगा। इसके बजट को लेकर विभागों को दिक्कतें आ रही हैं।
1.पेंडिंग बिल: लगभग सभी सरकारी दफ्तरों का बिजली का बिल बकाया है। पुराना मीटर उतारने व नया मीटर लगाने की फोटो ऑनलाइन अपलोड की जाती है। कितना बिल बकाया है, डिफाल्टर हैं या नहीं, यह रिपोर्ट दी जाती है।
2.रिचार्ज बजट: प्री-पेड स्मार्ट मीटर का रिचार्ज 1 से 5 हजार तक करवाना होगा। बिल महीने के अंत में अदा होता है, प्री-पेड का रिचार्ज पहले करवाना होगा। इसके बजट को लेकर विभागों को दिक्कतें आ रही हैं।
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