पंजाब दस्तक:हरियाणा में स्वामित्व योजना में सरकार शहरों में नगर निकाय के बाद दूसरे विभागों की जमीन या प्रॉपर्टी के किराएदारों को मालिकाना हक दे रही है, लेकिन इसमें एक शर्त भी जोड़ दी गई है। यदि जमीन 100 वर्ग गज से ज्यादा है तो रजिस्ट्री नहीं होगी।
हालांकि पहले नगर निकाय की प्रॉपर्टी के लिए बनी स्वामित्व योजना में इसका जिक्र नहीं था। अब शहरों में दूसरे विभागों की जमीन भी है, जिस पर लोग किराएदार हैं। किराया भी अब तक नगर निकाय को जा रहा था। जब मालिकाना हक के लिए रिकॉर्ड खंगाला गया तो सामने आया कि 1482 प्रॉपर्टी दूसरे महकमों की हैं।
इनमें जिला परिषद, पब्लिक हेल्थ, पंचायत, स्वास्थ्य विभाग आदि शामिल हैं। सरकार ने इन लोगों को भी राहत देने के लिए नगर निकाय के लिए बनी योजना में जोड़ दिया। राज्य में नगर निकाय की कुल 16,667 प्रॉपर्टी है, जिनमें 9,766 प्रॉपर्टी पर लोग काबिज हैं। इनमें 1482 प्रॉपर्टी दूसरे विभाग की हैं।
मालिकाना हक मिलने के बाद देना होगा प्रॉपर्टी टैक्स : सरकार उन लोगों को यह लाभ दे रही है, जो वर्ष 2000 से पहले से प्रॉपर्टी पर काबिज हैं। शहरों में कई ऐसी प्रॉपर्टी भी हैं, जिनका किराया 100-200 रुपए तक लिया जा रहा है, लेकिन जब प्रॉपर्टी का मालिकाना हक मिल जाएगा तो इन प्रॉपर्टी मालिकों को प्रॉपर्टी टैक्स देना होगा। इसके अलावा डेवलपमेंट चार्ज लिया जा सकता है। इससे सरकार को भी फायदा होगा।
कितने आवेदन मंजूर हुए और कितने रद्द हो चुके:
16,667 प्रॉपर्टी यूएलबी के पास हैं।
9,766 पर लोग पट्टे या किराएदार के रूप में बैठे हुए हैं।
3,272 की एप्लीकेशन योजना के तहत मंजूर की गई हैं।
2,367 एप्लीकेशन को नामंजूर किया गया है।
2,645 की एप्लीकेशन पर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है।
1,482 प्रॉपर्टी दूसरे विभागों की हैं।
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