हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम कर्मचारी यूनियन की एक वर्चुअल बैठक में कई महत्वपूर्ण विषयों पर हुई चर्चा

शिमला, सुरेंद्र राणा:  हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम कर्मचारी यूनियन की एक वर्चुअल बैठक की गई जिस बैठक में मुख्य रूप से राजकुमार शर्मा महासचिव, राजीव सोनी कार्यकारी अध्यक्ष , संत कुमार फैरान वरिष्ठ उपाध्यक्ष, हीरानंद शर्मा , शशि पाल शर्मा देवेंद्र कुमार हुकम राम श्यामानंद  राजकुमार जयसवाल  बीरबल ठाकुर  तुलसीराम ठाकुर पूरे प्रदेश कार्यकारिणी के पदाधिकारी उपस्थित रहे।

जिसमें हाल ही मैं अखबारों के माध्यम से हिमाचल प्रदेश पर्यटन निगम की लगभग 30 इकाइयों की जो घाटे की बात प्रकाशित हुई है।जिन इकाइयों को नीतिगत तरीके से पट्टे पर दी जाने की बात सामने आई है अतः इस बैठक में मुख्यता इस विषय में चर्चा की और चिंतन भी किया गया।

घाटे की स्थिति बहुत से कारण बन रहे हैं वैसे तो लगभग 2020 यानी पिछले 3 वर्षों से पूरे विश्व में कोविड-19 जैसी महामारी आने से यदि सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है वह पर्यटन इंडस्ट्री को हुआ है जिसकी मार आज तक निगम को झेलनी पड़ रही है और निगम की मुख्यतः इकाइयों की आज आधुनिक तरीके से नवीनीकरण न होना भी एक कारण बन रहा है और एक विषय यह भी देखा गया है कि पिछले कुछ वर्षों से निगम में प्रदेश सरकार द्वारा कुछ को सेवानिवृत्ति उपरांत अधिकारियों और कर्मचारियों को सेवा विस्तार दिया जाता है जिसका आज पूरे प्रदेशभर में कुछ शिक्षित और प्रशिक्षित युवा बेरोजगारों को रोजगार नही मिल पा रहा है। अतः आज इस प्रथा को प्रचलित रखना भी उचित नहीं है इसे बंद करके आज प्रदेश के उन बेरोजगार युवक-युवतियों को रोजगार मिल सकता है और पिछले पांच-छह वर्षों से लगभग 60 से 80 कर्मचारी आज निगम सेवानिवृत्त हो रहे हैं और इन सेवानिवृत्त कर्मचारियों, अधिकारियों की बहुत अधिक धनराशि देय बकाया हो रही है वह उन कर्मचारियों को अपनी ग्रैच्यूटी इत्यादि डयूज़ लेने के लिए न्यायालय के माध्यम से लेने को विवश हो रहे हैं और जिस एवज में निगम को उन कर्मचारियों के लिए लाखों की संख्या में ब्याज सहित भुगतान करना पड़ रहा है जिसके लिए कर्मचारी यूनियन प्रदेश सरकार से इन सेवानिवृत्त कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति उपरांत उनके बुढ़ापे का सहारा इस राशि को यह मुश्त प्रावधान करके उन्हे मुहईया की जाए ।अतः इस तरह के विभिन्न कारण आज निगम की गंभीर स्थिति को समझ कर प्रदेश सरकार पर्यटन विभाग के माध्यम से निगम को सही पटरी पर लाने में अपनी अहम भूमिका निभाएं तो है निगम की इस वित्तीय स्थिति मैं सुधार आ सकता है और इस निगम की प्रदेश मे एक अग्रणी मील पत्थर के रूप मे उभारा जा सकता है इसके साथ जैसे कि गत वर्ष निगम की आय मे लाभ अर्जित हूआ है और आने वाले सालों मे जिस तरह से पर्यटक हिमांचल प्रदेश का रुख कर रहे है इससे निगम की आय मे हिजाफा होगा, हमें पुर्ण आशा है और कर्मचारी यूनियन प्रदेश सरकार को अस्वस्थ करता है कि हमारे कर्मचारी मेहनत और लगन से निगम को घाटे की स्थिति से उभारगे और साथ मे मांग करता है कि निगम के होटलों को पटटे पर ना दिया जौए और निगम मे सेवा विस्तार और पूरन रोजगार प्रथा को सख्ती से बन्द किया जाना चाहिए जिसकी वज़ह से पदोन्नतियां प्रभावित होती है और कर्मचारियो में गलत संदेश जाता है और कहीं ना कहीं वितीय नुक्सान भी होता है।

 

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